हर सप्ताह जौनपुर से जुडी पांच प्रतिभाओं से आप सब कि पहचान करवाने का फैसल जौनपुर ब्लॉगर अस्सोसिअशन ने लिया है. आशा है आप सब को इनके बारे मैं जान के अच्छा लगेगा.
आधी आबादी और डॉ लाल रत्नाकर
दुनिया जिसे आधी आबादी कहती है वही आधी आवादी मेरे चित्रों की पूरी दुनिया बनती है. .. डॉ लाल रत्नाकर यही वह आवादी है जो सदियों से संास्कृ तिक सरोकारों को सहेज कर पीढि़यों को सौंपती रही है वही संस्कारों का पोषण करती रही है. कितने शीतल भाव से वह अपने दर्द को अपने भीतर समेटे रखती है और कितनी सहजता से अपना दर्द छिपाये रखती है. कहने को वह आधी आबादी है लेकिन षेश आधी … Read entire article »
आईये आज मिलये जनाब कैस जौनपुरी से : जौनपुर की युवा प्रतिभाएं
जब कैस जौनपुरी साहब का तारूफ उनके की कुछ अशार से शुरू करता हूँ . उन्होंने अपनी पहचान कुछ इस तरह से करवाई है. उड़ते परिंदे की चाहत अधूरी हूँ मैं चलते मुसाफिर की कोशिश पूरी हूँ मैं मिल जाएगी मंजिल एक दिन मुझे भी एक परिंदा, एक मुसाफिर एक जौनपुरी हूँ मैं कैस जौनपुरी हूँ मैं … Read entire article »
जौनपुर कि एक प्रतिभाशाली महिला श्रद्धा जी
अभी तक आप सबके सामने जौनपुर सिटी के प्लेटफार्म से जौनपुर कि बहुत सी प्रतिभाओं को पेश किया जिसको जौनपुर निवासीयों ने बहुत पसंद किया. आज इन प्रतिभाओं का नाम पूरे विश्व के सामने है. आज मिलवाता हूँ जौनपुर कि एक प्रतिभाशाली महिला श्रद्धा जी से. मिलिए दिल्ली मैं रह रही जौनपुर निवासी श्रद्धा जी से जो इस समय षोधरत हैं ” समकालीन हिन्दी उपान्यासों में लोक संस्कृति के विभिन्न रूप के विशय पे. हिन्दी विभाग, जामिया मिलिया इस्लामिया … Read entire article »
राजेश विवेक अपने गृह जनपद जौनपुर में मीडिया से रूबरू
महाभारत के वेदव्यास लगान फिल्म में गुरन बाबा जोशीले में जोगी ठाकुर का रोल अदा करने वाले राजेश विवेक टीम इण्डिया की जीत को धोनी सेना की एकता और कर्मठता का प्रतिफल बताते हुए कहा कि सचिन क्रिकेट जगत का बेताज बादशाह हैं। जो छक्का मैने लगान फिल्म में लगाया था उसे सचिन ने उसे छक्के को हकीकत में बदल दिया हैं। राजेश विवेक अपने गृह जनपद जौनपुर में मीडिया से रूबरू थें। बड़े पर्दे से … Read entire article »
शहरनामा जौनपुर – अशोक प्रियदर्शी
अशोक प्रियदर्शी जी ने अपना परिचा कुछ इस प्रकार करवाया मध्य प्रदेश के रीवां मैं सन 1963 में जन्मा. मूलतः बिहार के मिथिलांचल का हूँ. उस धरती का जहाँ आदिकवि विद्यापति का भी जन्म हुआ था. लेकिन पहले दादाजी और फिर पिताजी की वजह से वाराणसी, गाजीपुर, जौनपुर, बलिया, आजमगढ़ आदि स्थानों पर वर्षों अध्ययन, अध्यापन आदि करता रहा. फिर पत्रकारिता में आया तो वाराणसी, पटना आदि कई स्थानों पर रहा. दैनिक आज से … Read entire article »
great article!
जवाब देंहटाएंSwachchh Sandesh
ham bhi line me hai
जवाब देंहटाएं