आज हिंदी पत्रकारिता दिवस है. लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहा जाने वाला प्रेस समय के साथ बदल रहा है. टीवी चैनलों की दुनिया ने मीडिया के माएने बदल दिए हैं. हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर 30 मई को जौनपुर पत्रकार संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पत्रकारिता जगत से जुड़ी कई शख्सियतों ने शिरकत की. पत्रकारिता में महिमा मण्डन से बचने कि जरूरत है किसी व्यक्ति विशेष के विषय में उसकी विशेषताएँ उसके कार्य छेत्र में ही पत्रकार दर्शित करे. पत्रकारिता में हो रहे बाज़ारीकरण ने मीडिया में कई खामियां भी पैदा कर दीं. ख़बरों से खिलवाड़ और कई तथाकथित पत्रकारों द्वारा पत्रकारिता की आड़ मैं ब्लैकमेलिग के मामले भी सामने आते रहे हैं. पत्रकारिता की दशा और दिशा इसी तरह के लोगों की वजह से बद से बदतर हालत में पहुंच गई है.
पत्रकारिता जगत में जो कुछ लिखा जा रहा है उसमे भी जन लोकपाल बिल जैसे कानून कि जरूरत है ताकि जनता भी खबरों पर अपनी आपति दर्ज करा सके . ये बाते पूर्वांचल विश्व विद्यालय के कुलपति प्रो० सुंदर लाल ने जौनपुर पत्रकार भवन में आयोजित पत्रकारिता दिवस के मौके पर कही
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए डी एम् गौरव दयाल कहा की पत्रकार प्रसासन के लिए आइना का कम करता है सामाजिक छेत्र में प्रशासन को पत्रकार दायित्यो का बोध करता है जिससे जनता के समस्याओं के समाधान में बल मिलता है .
इस मौके पर सैकड़ों पत्रकार उपस्थित रहे।
पत्रकारिता जगत में जो कुछ लिखा जा रहा है उसमे भी जन लोकपाल बिल जैसे कानून कि जरूरत है ताकि जनता भी खबरों पर अपनी आपति दर्ज करा सके . ये बाते पूर्वांचल विश्व विद्यालय के कुलपति प्रो० सुंदर लाल ने जौनपुर पत्रकार भवन में आयोजित पत्रकारिता दिवस के मौके पर कही
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए डी एम् गौरव दयाल कहा की पत्रकार प्रसासन के लिए आइना का कम करता है सामाजिक छेत्र में प्रशासन को पत्रकार दायित्यो का बोध करता है जिससे जनता के समस्याओं के समाधान में बल मिलता है .
इस मौके पर सैकड़ों पत्रकार उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की जानकारी के लिए आभार.
जवाब देंहटाएंजौन्पुर के बारे मे जानना सुखद है
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