बचपन से सुना करता था कर्बला मैं इमाम हुसैन(ए.स) जो हज़रात मुहम्मद (स.ए.व) के नवासे थे उनको तीन दिन का प्यासा शहीद कर दिया गया. पचपन मैं तो उस प्यास का अंदाज़ा नहीं लग पता था लेकिन आज इमाम हुसैन(ए.स) की तकलीफ याद कर के आँखों मैं आंसू भर आते हैं.
इस वर्ष लू तो कम चली लेकिन आंधी और बारिश के बावजूद गर्मी की तेज़ी वैसी ही बनी हुई है. रात ११ बजे से सुबह ८-९ बजे तक तो मौसम बड़ा सुहावना हुआ करता है लेकिन ११ बजते बजते शरीर मैं चुनचुनी और गर्म हवाओं के साथ साथ प्यास की परेशानी बढती जाती है. ऐसे मैं सड़कों पे मिलने वाले नेम्बू शरबत, गन्ने का रस, या कोई अंग्रेजी कोल्ड ड्रिंक बड़ी राहत देते हैं. बाजार के बोतल बंद पेय कुछ देर तो सुकून देते हैं लेकिन इनसे थोड़ी देर बाद ही प्यास अधिक सताने लगती है.
मौसम मुसीबत न बने और दैनिक कार्य यथावत चलते रहे, इसके लिए आप भी गर्मियों के सदाबहार कोल्ड्रिंक्स को अपनाकर देखिए। भरी गर्मियों में भी आप अपनी स्निग्धता बनाए रख सकेंगे और पूरा-पूरा मजा इस मौसम का ले सकेंगे।
कच्चे आम का पन्ना
कच्चे आम का पना, जो केरी के झोल के नाम से जाना जाता है, लू से बचाव करने के साथ-साथ पीने में रुचिवर्धक, जायकेदार व दाहनाशक है। कच्ची केरी को आग में भूनकर या पानी में उबालकर खूब ठंडा कर लें। छिल्का उतारकर ठंडे पानी में पेस्ट मसलकर गुठली अलग कर दें। इसमें भुना पिसा जीरा, हींग, सादा नमक, काला नमक, हल्की-सी लाल मिर्च, चीनी तथा पुदीना मिला लें। सुबह के खाने के बाद इसे पीने के बाद आप बाहर घूमें तो भी लू से बचे रहेंगे।
जौ-चने का पेय
जौ या चने के पिसे व छने सत्तू को मिश्री के साथ मिलाकर रखें। ठंडे पानी में घोलकर यह पेय सुबह के नाश्ते में लें। इन दिनों यह पौष्टिक, शीतल व तृप्तिदायक होगा।
मगज ठंडाई
धनिया, खसखस के दाने, सौंफ, कालीमिर्च, देशी गुलाब के फूल, खरबूजा, तरबूज, ककड़ी के बीज, छोटी इलायची, चंदन का चूरा, कमल गट्टे की गिरी सबको अंदाज से मिलाकर पीसकर रखें। चार-पाँच घंटे पहले प्रति मेम्बर एक छोटे चम्मच के हिसाब से भिगो दें। अधिक पौष्टिक बनाने के लिए चाहें तो भीगी, किसी बादाम भी मिला लें। इसे ठंडे पानी या दूध की सहायता से छानें। चीनी या मिश्री मिलाकर ठंडी-ठंडी पीएँ।
गर्मी की तड़प और प्यास बुझाने में दही, मट्ठा, छाछ का भरपूर सेवन करें। नारियल पानी, गन्ने का रस, संतरा, पाइनापल, मौसंबी जैसे इस ऋतु के ताजे फलों का ज्यूस भी गर्मी कम करेगा। यह मस्तिष्क व उदर को शांति देने के साथ-साथ शरीर को शीतल व पुष्ट रखेगा।
इस वर्ष लू तो कम चली लेकिन आंधी और बारिश के बावजूद गर्मी की तेज़ी वैसी ही बनी हुई है. रात ११ बजे से सुबह ८-९ बजे तक तो मौसम बड़ा सुहावना हुआ करता है लेकिन ११ बजते बजते शरीर मैं चुनचुनी और गर्म हवाओं के साथ साथ प्यास की परेशानी बढती जाती है. ऐसे मैं सड़कों पे मिलने वाले नेम्बू शरबत, गन्ने का रस, या कोई अंग्रेजी कोल्ड ड्रिंक बड़ी राहत देते हैं. बाजार के बोतल बंद पेय कुछ देर तो सुकून देते हैं लेकिन इनसे थोड़ी देर बाद ही प्यास अधिक सताने लगती है.
मौसम मुसीबत न बने और दैनिक कार्य यथावत चलते रहे, इसके लिए आप भी गर्मियों के सदाबहार कोल्ड्रिंक्स को अपनाकर देखिए। भरी गर्मियों में भी आप अपनी स्निग्धता बनाए रख सकेंगे और पूरा-पूरा मजा इस मौसम का ले सकेंगे।
कच्चे आम का पन्ना
कच्चे आम का पना, जो केरी के झोल के नाम से जाना जाता है, लू से बचाव करने के साथ-साथ पीने में रुचिवर्धक, जायकेदार व दाहनाशक है। कच्ची केरी को आग में भूनकर या पानी में उबालकर खूब ठंडा कर लें। छिल्का उतारकर ठंडे पानी में पेस्ट मसलकर गुठली अलग कर दें। इसमें भुना पिसा जीरा, हींग, सादा नमक, काला नमक, हल्की-सी लाल मिर्च, चीनी तथा पुदीना मिला लें। सुबह के खाने के बाद इसे पीने के बाद आप बाहर घूमें तो भी लू से बचे रहेंगे।
जौ-चने का पेय
जौ या चने के पिसे व छने सत्तू को मिश्री के साथ मिलाकर रखें। ठंडे पानी में घोलकर यह पेय सुबह के नाश्ते में लें। इन दिनों यह पौष्टिक, शीतल व तृप्तिदायक होगा।
मगज ठंडाई
धनिया, खसखस के दाने, सौंफ, कालीमिर्च, देशी गुलाब के फूल, खरबूजा, तरबूज, ककड़ी के बीज, छोटी इलायची, चंदन का चूरा, कमल गट्टे की गिरी सबको अंदाज से मिलाकर पीसकर रखें। चार-पाँच घंटे पहले प्रति मेम्बर एक छोटे चम्मच के हिसाब से भिगो दें। अधिक पौष्टिक बनाने के लिए चाहें तो भीगी, किसी बादाम भी मिला लें। इसे ठंडे पानी या दूध की सहायता से छानें। चीनी या मिश्री मिलाकर ठंडी-ठंडी पीएँ।
गर्मी की तड़प और प्यास बुझाने में दही, मट्ठा, छाछ का भरपूर सेवन करें। नारियल पानी, गन्ने का रस, संतरा, पाइनापल, मौसंबी जैसे इस ऋतु के ताजे फलों का ज्यूस भी गर्मी कम करेगा। यह मस्तिष्क व उदर को शांति देने के साथ-साथ शरीर को शीतल व पुष्ट रखेगा।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें
हमारा जौनपुर में आपके सुझाव का स्वागत है | सुझाव दे के अपने वतन जौनपुर को विश्वपटल पे उसका सही स्थान दिलाने में हमारी मदद करें |
संचालक
एस एम् मासूम