कल एक खबर सुनी की खरैयामऊ गांव की मुसहर बस्ती में प्यास से तड़प कर फोटो मुसहर की मौत हो गयी.आश्चर्य होता है ऐसी ख़बरों को सुन कर., एक और हम चाँद पे जाने की बातें करते हैं और दूसरी ओर हमारे जौनपुर जैसे शहर का यह हाल है की लोगों को पानी पीने को नहीं मिलता.और यह परेशानी इतनी अधिक है की इंसानों की मौत प्यास से हो जा रही है.
खरैयामऊ गांव की मुसहर बस्ती में कुल 7 परिवार रहते हैं। इसी में से एक 30 वर्षीय फोटो मुसहर पुत्र रामदुलार मजदूरी पर गांव के समीप दलित बस्ती में रामसेवक के घर लकड़ी फाड़ रहा था। दोपहर में काम पूरा कर वापस घर लौटा तो पत्नी पे्रमा से पानी मांगा। चूंकि बस्ती से गुजरने वाली नहर में इस समय पानी नहीं है और थोड़ी दूर स्थित खरैयामऊ अम्बेडकर गांव है। पंपिंग सेट भी बंद चल रहा था इसीलिए उसकी पत्नी एक किलोमीटर दूर दूसरी बस्ती में पानी के लिए पहुंची। वहां से पानी लेकर जब वह लौटी तब तक फोटो के प्राण पखेरू उड़ चुके थे। क्या यह हम सबके लिए चिंता का विषय नहीं?
सूर्य की तेज किरणें और भीषण गर्मी
खरैयामऊ गांव की मुसहर बस्ती में कुल 7 परिवार रहते हैं। इसी में से एक 30 वर्षीय फोटो मुसहर पुत्र रामदुलार मजदूरी पर गांव के समीप दलित बस्ती में रामसेवक के घर लकड़ी फाड़ रहा था। दोपहर में काम पूरा कर वापस घर लौटा तो पत्नी पे्रमा से पानी मांगा। चूंकि बस्ती से गुजरने वाली नहर में इस समय पानी नहीं है और थोड़ी दूर स्थित खरैयामऊ अम्बेडकर गांव है। पंपिंग सेट भी बंद चल रहा था इसीलिए उसकी पत्नी एक किलोमीटर दूर दूसरी बस्ती में पानी के लिए पहुंची। वहां से पानी लेकर जब वह लौटी तब तक फोटो के प्राण पखेरू उड़ चुके थे। क्या यह हम सबके लिए चिंता का विषय नहीं?
सूर्य की तेज किरणें और भीषण गर्मी
एक आदमी के प्यास से मरने की खबर ने दिल को बेचैन कर दिया. "जब रोम जल रहा था नीरू बांसुरी बजा रहा था." इस बात को अब इस प्रकार से कहेंगे, "जब लोग प्यासे मर रहे थे मायावती मूर्तियों पर धन लुटा रही थी."
जवाब देंहटाएंमेरी इस पोस्ट पर भी नज़रे इनायत फरमाएं.
http://haqnama.blogspot.com/2011/05/sharif-khan_25.html
sharmnaak
जवाब देंहटाएंअफसोसजनक!!
जवाब देंहटाएंयस यम मासूम जी आदाब -बहुत ही मार्मिक और दिल छू लेने वाला लेख आप का -काश ये पढ़ हमारे नेताओं और सरकार के चुन्धियाई आँखें खुलें -
जवाब देंहटाएंशुक्ल भ्रमर ५