आज प्रीत टाएम पे एक खबर पढ़ी "बिना जांच कराये खून चढाने से बच्चे को एचआईवी" इसको पढ़ते ही एक सवाल उभेर के आया क्या इस समस्या का कोई हल है?
जफराबाद थाना क्षेत्र के बैजाबाध गांव निवासी पृथ्वीराज चैहान पुत्र रमाकांत चैहान ने वर्ष 2009 में अपने नवजात पुत्र सत्यम् के उपचार हेतु नगर के लाइन बाजार में स्थित एसएस हास्पिटल पर भर्ती कराया था जहां शिशु का उपचार हास्पिटल के चिकित्सक डा. तेज सिंह ने परिजनों को बताया कि बच्चे में खून की कमी है। परिजनों द्वारा लगाये गये आरोप के अनुसार पूरे परिवार का ब्लड ग्रुप जांच करने पर बच्चे का ग्रुप मेल नहीं खाया जिस पर बच्चे के मौसा रमेश का ब्लड ग्रुप मिलान होने पर उसके खून को बिना जांच कराये बच्चे को चढा दिया गया।
कुछ ही दिन बाद बच्चे की तबियत अधिक खराब हो गयी जिस पर परिजन बच्चे का ब्लड नगर के ही पालिटेक्निक चैराहा स्थित एक निजी पैथोलाॅजी में परीक्षण कराया जहां जांचोपरांत बच्चे का ब्लड एचआईवी पाजिटिव निकला।
पुष्टि के लिये खून की जांच जिला अस्पताल के लैब में कराया गया तो वहां की रिपोर्ट भी एचआईवी पाजिटिव निकली। इससे परेशान व हैरान परिवार के सभी सदस्यों ने अपना खून की जांच करायी तो किसी में भी एचआईवी पाजिटिव नहीं निकला। ऐसे में सभी ने माना कि बच्चे के मौसा रमेश का ब्लड एचआईवी पाजिटिव है। पीडि़त बच्चे के परिजनों के अनुसार रमेश जीविकोपार्जन हेतु असम में रहता है। सत्यम् का उपचार इस समय बीएचयू में चल रहा है जहां अब तक परिजन अपना सब कुछ गवां चुके हैं। इस बात की जानकारी पत्र-प्रतिनिधि को तब हुई जब मामला न्यायालय में दायर हुआ। साभार
हिदायत: अपने प्रियजनों का खून चढ़वाने के पहले उसको भी टेस्ट अवश्य करवा लें.
मन विषाद से भर गया यह पढ़ कर
जवाब देंहटाएंसभी के लिए यह जरूरी है कि जांच कर ही खून चढ़ाए या दे
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एक छोटी सी चूक ने एक जीवन बर्बाद कर दिया ....यह हमारी नासमझी का भी परिणाम है ....अब तो जीवन में कदम सोच समझकर बढ़ने चाहिए ....बहुत कष्ट हुआ यह पढ़कर ...!
जवाब देंहटाएंओह! बेहद अफ़सोस की बात है... ऐसे लापरवाहो के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही होनी चाहिए...
जवाब देंहटाएंOh very sad !
जवाब देंहटाएंBahut hi dukhad aur khatarnak news hai. iska samadhan to hona hi chahiye
जवाब देंहटाएंअफ़सोस की बात है
जवाब देंहटाएंनागरिक को जागरूक होना होगा
जवाब देंहटाएंइस मामले में आम नागरिक को जागरूक बनाने के साथ चिकित्सकों की जिम्मेदारी तय कर
जवाब देंहटाएंने की आवश्यकता है।
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सद्भावी -डॉ० डंडा लखनवी