728x90 AdSpace

This Blog is protected by DMCA.com

DMCA.com for Blogger blogs Copyright: All rights reserved. No part of the hamarajaunpur.com may be reproduced or copied in any form or by any means [graphic, electronic or mechanical, including photocopying, recording, taping or information retrieval systems] or reproduced on any disc, tape, perforated media or other information storage device, etc., without the explicit written permission of the editor. Breach of the condition is liable for legal action. hamarajaunpur.com is a part of "Hamara Jaunpur Social welfare Foundation (Regd) Admin S.M.Masoom
  • Latest

    शुक्रवार, 25 जनवरी 2019

    जौनपुर में है सिखों के नौवें गुरु तेगबहादुर जी का ऐतिहासिक तपस्थल+वीडियो |

     https://www.youtube.com/watch?v=0ocQv5J7Klo&t=7sजौनपुर एक ऐतिहासिक शहर है जसके बारे में दुनिया को काम बताया गया | जौनपुर को  धार्मिक नगरी भी कहा जा सकता है क्यों की यहाँ रामचंद्र जी का कई बार आगमन हुआ , परशुराम जी की जन्मस्थली के साथ साथ पैगम्बर ऐ हज़रत मुहम्मद की नस्लें भी यहाँ मजूद है और एक समय में सौ से अधिक सूफियों का आगमन जौनपुर में हुआ था | इसी के साथ साथ जौनपुर सिखों के नौवें धर्मगुरू गुरू तेग बहादुर सिंह की तपस्थली के नाम से भी जाना जाता है जिसकी निशानियां आज भी सिपाह मोहल्ले के चाचकपुर में और रासमण्डल के गुरद्वारे में मौजूद हैं | गुरू तेग बहादुर सिंह सिख धर्म के प्रचार-प्रसार के सिलसिले में पंजाब से उत्तेर भारत में  जाते  समय वर्ष 1670 में यहां आए थे। उन्होंने चाचकपुर जौनपुर की पवित्र भूमि पर तीन माह रहकर विश्राम और तप किया था। इस स्थान को आज तपस्थान गुरु तेगबहादुर जी के नाम से याद किया जाता है और यहाँ पे उनके चाहने वालों ने निशान बना के बोर्ड लगवा रखा है | 


    यहां से प्रस्थान करते समय वे अपनी अनेक बहुमूल्य वस्तुएं यहीं बतौर यादगार छोड़ गए थे, जो मछरहट्टा रासमंडल निवासी एक माली परिवार के यहां काफी समय तक पड़ी रहीं। इसी परिवार के स्व.गोविंद सिंह माली को ये वस्तुएं अपने पूर्वजों से प्राप्त हुई जो बाद में गुरूद्वारा को प्रदान कर दी गई। इनमें गुरू तेग बहादुर सिंह का लोहे का तीर और गुरू ग्रंथ साहिब की हस्तलिखित प्रति भी सम्मिलित थी। करीब 47 वर्ष पूर्व वर्ष 1970 में ये दुर्लभ वस्तुएं रासमण्डल स्थित गुरूद्वारा को दे दी गयीं |  लोहे का तीर और ग्रन्थ आज भी वहां देखा जा सकता है



     |
     1430 पृष्ठों की गुरू ग्रंथ साहिब की यहां रखी गई हस्तलिखित प्रति सफेद रंग के उत्तम कोटि के कागज पर काली रोशनाई से स्पष्ट अक्षरों में लिखी गई है। मुख्या ग्रंथी  बताते हैं कि गुरुद्वारे में रखा दुर्लभ हस्तलिखित श्री गुरू ग्रंथ साहिब क्षत विक्षत हाल में जीर्णोद्धार के लिए दिल्ली भेजा गया था। जिसके सुधार में दो लाख रुपये खर्च आया। यह दो साल बाद मरम्मत कराकर वापस मंगा लिया गया है। उसे यहां बेहद सावधानी पूर्वक सुरक्षित रखा गया है। 


    हस्तलिखित ग्रन्थ 

     https://www.youtube.com/user/payameamn
     https://www.indiacare.in/p/sit.html

     Chat With us on whatsapp

     Admin and Founder 
    S.M.Masoom
    Cont:9452060283
    • Blogger Comments
    • Facebook Comments

    0 comments:

    एक टिप्पणी भेजें

    हमारा जौनपुर में आपके सुझाव का स्वागत है | सुझाव दे के अपने वतन जौनपुर को विश्वपटल पे उसका सही स्थान दिलाने में हमारी मदद करें |
    संचालक
    एस एम् मासूम

    Item Reviewed: जौनपुर में है सिखों के नौवें गुरु तेगबहादुर जी का ऐतिहासिक तपस्थल+वीडियो | Rating: 5 Reviewed By: S.M.Masoom
    Scroll to Top