जौनपुर जिला वाराणसी प्रभाग के उत्तर-पश्चिम भाग में स्थित है।इसकी भूमिक्षेत्र २४.२४०N से २६.१२०N अक्षांश और ८२.७०E और ८३.५०E देशांतर के बीच फैली हुई है।गोमती और सई मुख्य पैतृक नदियों हैं। इनके अलावा, वरुण,पिली और मयुर आदि छोटी नदिया हैं।मिट्टी मुख्य रूप से रेतीले, चिकनी बलुई हैं। जौनपुर अक्सर बाढ़ की आपदा से प्रभावित रहता है।जौनपुर जिले मे खनिजों की कमी है।जिले का भौगोलिक क्षेत्रफल ४०३८ किमी२ है।
इस शहर की स्थापना 14वीं शताब्दी में फिरोज तुगलक ने अपने चचेरे भाई सुल्तान मुहम्मद की याद में की थी। सुल्तान मुहम्मद का वास्तविक नाम जौना खां था। इसी कारण इस शहर का नाम जौनपुर रखा गया। 1394 के आसपास मलिक सरवर ने जौनपुर को शर्की साम्राज्य के रूप में स्थापित किया। शर्की शासक कला प्रेमी थे। उनके काल में यहां अनेक मकबरों, मस्जिदों और मदरसों का निर्माण किया गया। यह शहर मुस्लिम संस्कृति और शिक्षा के केन्द्र के रूप में भी जाना जाता है। यहां की अनेक खूबसूरत इमारतें अपने अतीत की कहानियां कहती प्रतीत होती हैं। वर्तमान में यह शहर चमेली के तेल, तम्बाकू की पत्तियों, इमरती और स्वीटमीट के लिए लिए प्रसिद्ध है।
जौनपुर जिला मे ६ तहसिल है - शाहगंज, बदलापुर, मछलीशहर, जौनपुर, मडियाहु और केराकत, ३ लोकसभा सीट(एक जौनपुर जिले में पूरी तरह से है, जबकि अन्य दो मछलीशहर और सईदपुर जिले के कवर हिस्सा है)।१० विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र है। जिले को २१ विकास खंड में विभाजित किया गया है-सोंधी(शाहगंज), सुइथाकला, खुटहन, कारंजाकला, बदलापुर, महाराजगंज, सुजानगंज, बक्शा, मुंगरा बादशाहपुर, मछलीशहर, मडियाहूँ, बरसठी, रामपुर, रामनगर, जलालपुर, केराकत, डोभी, मुफ्तीगंज, धर्मापुर, सिकरारा और सिरकोनी । इसके अलावा जिले को 27 थानाओ में बांटा गया है।-कोतवाली, सदर, लाइन बाजार, जाफराबाद, खेतासराय, शाहगंज, सर्पताहन, केराकत, चंदवक, जलालपुर, सरायख्वाजा, गौर बादशाहपुर, बदलापुर, खुटहन, सिंग्रमाऊ, बक्शा, सुजानगंज, महाराजगंज, मुंगरा बादशाहपुर, पवारा, मछलीशहर, मीरगंज, सिकरारा, मडियाहूँ , रामपुर, बरसठी, नेवाधिया और सुरेरी। र्==अर्थव्यवस्था== जिले का आर्थिक विकास मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर है। इस का मुख्य कारण जिले में भारी उद्योग का अभाव है ।
जौनपुर जिला की वास्तविक जनसंख्या ४,४७६,०७२(भारतीय जनगणना २०११) है । जिनमे २,२१७,६३५ पुस्र्ष तथा २,२५८,४३७ महिलाए है ।
इस शहर की स्थापना 14वीं शताब्दी में फिरोज तुगलक ने अपने चचेरे भाई सुल्तान मुहम्मद की याद में की थी। सुल्तान मुहम्मद का वास्तविक नाम जौना खां था। इसी कारण इस शहर का नाम जौनपुर रखा गया। 1394 के आसपास मलिक सरवर ने जौनपुर को शर्की साम्राज्य के रूप में स्थापित किया। शर्की शासक कला प्रेमी थे। उनके काल में यहां अनेक मकबरों, मस्जिदों और मदरसों का निर्माण किया गया। यह शहर मुस्लिम संस्कृति और शिक्षा के केन्द्र के रूप में भी जाना जाता है। यहां की अनेक खूबसूरत इमारतें अपने अतीत की कहानियां कहती प्रतीत होती हैं। वर्तमान में यह शहर चमेली के तेल, तम्बाकू की पत्तियों, इमरती और स्वीटमीट के लिए लिए प्रसिद्ध है।
जौनपुर जिला मे ६ तहसिल है - शाहगंज, बदलापुर, मछलीशहर, जौनपुर, मडियाहु और केराकत, ३ लोकसभा सीट(एक जौनपुर जिले में पूरी तरह से है, जबकि अन्य दो मछलीशहर और सईदपुर जिले के कवर हिस्सा है)।१० विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र है। जिले को २१ विकास खंड में विभाजित किया गया है-सोंधी(शाहगंज), सुइथाकला, खुटहन, कारंजाकला, बदलापुर, महाराजगंज, सुजानगंज, बक्शा, मुंगरा बादशाहपुर, मछलीशहर, मडियाहूँ, बरसठी, रामपुर, रामनगर, जलालपुर, केराकत, डोभी, मुफ्तीगंज, धर्मापुर, सिकरारा और सिरकोनी । इसके अलावा जिले को 27 थानाओ में बांटा गया है।-कोतवाली, सदर, लाइन बाजार, जाफराबाद, खेतासराय, शाहगंज, सर्पताहन, केराकत, चंदवक, जलालपुर, सरायख्वाजा, गौर बादशाहपुर, बदलापुर, खुटहन, सिंग्रमाऊ, बक्शा, सुजानगंज, महाराजगंज, मुंगरा बादशाहपुर, पवारा, मछलीशहर, मीरगंज, सिकरारा, मडियाहूँ , रामपुर, बरसठी, नेवाधिया और सुरेरी। र्==अर्थव्यवस्था== जिले का आर्थिक विकास मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर है। इस का मुख्य कारण जिले में भारी उद्योग का अभाव है ।
जौनपुर जिला की वास्तविक जनसंख्या ४,४७६,०७२(भारतीय जनगणना २०११) है । जिनमे २,२१७,६३५ पुस्र्ष तथा २,२५८,४३७ महिलाए है ।
जौनपुर के मुख्या आकर्षण
- बारादरी
- लाल दरवाज़ा
- मकबरा शाह फ़िरोज़
- शाही पुल
- खालिस मुखलिस मस्जिद
- अटाला मस्जिद
- बड़ी मस्जिद
- शाह का पंजा
- महल राजा जौनपुर
- सदर इमामबाडा
- झंझरी मस्जिद
- हनुमान मंदिर
- शीतला चौकिया
- ज़ुल्क़द्र मंजिल
वायु मार्ग
जौनपुर का निकटतम एयरपोर्ट वाराणसी का लाल बहादुर शास्त्री एअरपोर्ट (बाबतपुर एयरपोर्ट) है, जो यहां से 28 किमी. की दूरी पर है। एअरपोर्ट, राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या ५६ पर है और यात्रा में औसतन ४५ मिनट का समय लगता है।
रेल मार्ग
जौनपुर में २ मुख्य रेलवे स्टेशन हैं, १. जौनपुर जंक्शन, २. जौनपुर सिटी स्टेशन। जौनपुर का रेलवे स्टेशन लखनऊ वाराणसी और मुगलसराय रेललाइन पर पड़ता है। गंगा यमुना एक्सप्रेस, सरयू एक्सप्रेस, वरूण एक्सप्रेस, फरक्का एक्सप्रेस और श्रमजीवी एक्सप्रेस जौनपुर को अनेक शहरों से जोड़ती है।
सड़क मार्ग
जौनपुर आसपास के अनेक शहरों से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। वाराणसी, इलाहाबाद, अयोध्या, लखनऊ, गोरखपुर, आजमगढ़ आदि शहरों से जौनपुर के लिए नियमित बस सेवाएं उपलब्ध है।
वाह क्या बात है , क्या कहने मासूम भाई , अब तो जौनपुर को देखने की इच्छा हिलोर मारने लगी है । घूमेंगे जरूर कभी न कभी , बहुत ही सुंदर पोस्ट , घुमक्कड साथियों की मददगार सी ।
जवाब देंहटाएंAjay jee jaunpur me aapka swaagat hai | jab bhee aana ho mujhe zaroor batayein|
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