ब्लोगिंग को आज़ाद पत्रकारिता भी कहा जाता है. यहाँ आप आज़ाद हैं किसी भी विषय पे अपने विचार खुल कर प्रकट करने के लिए और इसका फाएदा समाज को बहुत से ब्लॉगर अपनी बेहतरीन लेखनी से पहुंचा भी रहे हैं. जौनपुर निवासियों ने भी पहचाना ब्लोगिंग के महत्व को और कई वर्षों से इस क्षेत्र मैं कार्यरत हैं. मैंने कोशिश कि है कि मैं कुछ स्थापित ब्लोगर के ब्लॉग से आप सभी को परिचित करवा दूं.
यदि कोई जौनपुर का ब्लोगर मेरी नज़र से बच गया हो तो अवश्य सूचित करें.
यदि कोई जौनपुर का ब्लोगर मेरी नज़र से बच गया हो तो अवश्य सूचित करें.
जौनपुर ब्लोगर अस्सोसिअशन का निर्माण जौनपुर निवासी श्री एस एम् मासूम ने डॉ मनोज मिश्रा जी के सहयोग से इसी वर्ष मार्च (२०११) मैं किया और इस से जौनपुर के ५८ लोग अभी तक जुड़ चुके हैं.यदि आप जौनपुर से ताल्लुक रखते हैं और आप भी लिखना चाहते हैं तो हमको मेल करें. आप को जोड़ने मैं हम सभी को ख़ुशी होगी. ब्लॉग पे पहुंचें | |
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय,जौनपुर के कुलपति प्रो. सुन्दरलाल ने बनाया अपना अधिकारिक ब्लॉग (पूरब बानी). प्रो. सुन्दरलाल ने बताया कि टू वे कम्युनिकेशन से विश्वविद्यालय के नए पुराने लोग. आज के हिंदुस्तान समाचार पत्र मैं भी इसकी खबर आज छपी. श्री एस एम् मासूम जी के जौनपुर ब्लॉगर अस्सोसिअशन, डॉ मनोज मिश्रा जी के मा पलायनम के बाद यह जौनपुर का तीसरा ब्लॉग है जो अख़बारों मैं चर्चा का विषय बना है. पहुंचे ब्लॉग पे | |
डॉ अरविन्द मिश्रा जी इस ब्लॉगजगत के जाने पहचाने स्थापित ब्लोगेर हैं. और इनके कई ब्लॉग चल रहे हैं. हिन्दी चिट्ठा जगत में मेरे विज्ञान के ब्लॉग -'साईब्लाग' ,'साईंस फिक्शन इन इंडिया' पहले से ही हैं .किंतु उनका फलक सीमित है ,अतः विज्ञान से इतर विषयों पर कुछ व्यक्त करने के लिए मुझे 'क्वचिदन्यतोsपि' का सहारा लेना पड़ा ....क्वचिदन्यतोsपि'....अर्थात कुछ अन्य और अन्यत्र से भी ....आशा है इसे भी आपका स्नेह प्राप्त होगा..पहुंचे ब्लॉग पे | |
डा. मनोज मिश्र से आप उनके ब्लाग मा पलायनम के द्वारा भलिभांति परिचित हैं. डॉ मनोज मिश्रा पूर्वांचल विश्वविद्यालय में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में प्राध्यापक हैं पहुंचे ब्लॉग पे | |
आदरनीय मित्र ,मैं जौनपुर का रहने वाला हूँ मेरा घर लाला बाज़ार के पास बिशुनपुर गाँव में है बाकि सब अटैच है.सादर ..लाल रत्नाकरडॉ लाल रत्नाकर एक कलाकार हैं और रत्नाकर की कला में ग्रामीण परिवेश का वह हिस्सा जगह बनाता है जो सदियों से उपेक्षित रहा है ब्लॉग पर जाएं | |
उ0प्र0 के जौनपुर जनपद के मूल निवासी, फ़िलहाल आजमगढ़ में. 1962 में तिलकधारी महाविद्यालय, जौनपुर से स्नातक एवं काशी विद्यापीठ से 1964 में समाज शास्त्र विषय से स्नाकोत्तर. उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी के पद से वर्ष 2003 में सेवानिवृत्ति पश्चात् स्वतंत्र लेखन, अध्ययन और समाज सेवा. मूलत: राजनैतिक-सामाजिक विषयों पर लेखन. पहुंचे ब्लॉग पे | |
जौनपुर के छोटे से गाँव के खेत खलिहानों में खेलता हुआ इलाहबाद के रास्ते कानपुर आया. साथ में दो बोरी किताबो के अलावा कुछ भी नहीं था. यहाँ पर यूनिवर्सिटी में ट्यूशन के साथ पढाई की. एम्.ए. में स्वर्ण पदक प्राप्त किया. मूलतः संकोची हूँ.लेकिन एक बार बातचीत के बाद आप मुझे बातूनी कह सकते हो.वर्तमान समय में कानपुर तकनीकी संस्थान में असिस्टैंट प्रोफ़ेसर के रूप में कार्यरत पहुंचे ब्लॉग पे | |
मो. कमरूद्दीन शेखजवाहर नवोदय विद्यालय में शिक्षक | |
इस्मत ज़ैदी--शेफा कजगाँवी -तख़य्युलात की परवाज़ कौन रोक सका .... परिंद जब ये उड़ा फिर कहीं रुका ही नहीं.ब्लॉग पर पहुंचें | |
जनाब राजेश श्रीवास्तव जी जो कि एक वरिष्ट पत्रकार हैं और बहुत से पतरकारों के उस्ताद भे हैं उनका ब्लॉग अब पूरे ज़ोर शोर से चल रहा है. राजेश जी से आशा है कि इनके ब्लॉग से जौनपुर निवासीयों को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा. Rajesh Shrivastava's News Channel REPORTER P7 NEWS पहुंचे ब्लॉग पे | |
उड़ते परिंदे की चाहत अधूरी हूँ मैं ![]()
चलते मुसाफिर की कोशिश पूरी हूँ मैं
मिल जाएगी मंजिल एक दिन मुझे भी एक परिंदा, एक मुसाफिर एक जौनपुरी हूँ मैं कैस जौनपुरी हूँ मैं | |
ब्लॉग पे पहुंचें | |
तरल पलकों पे अंगुलियां फेर कर । संयम बनाए रखने का ढोंग सदा कर्ता आया हूँ । कितना समझाऊं बौनी होती खुशियाँ अब , बड़ी ना होंगी । जीवन में परीक्षा की विपरीत घड़ियाँ सदा खड़ी रहेंगी । अब तक तो उँगलियों के पोरों से बिस्तर पे नापता रहा हूँ "दूरियाँ " । कोई तो गले लगा ले मुझे ! इन उदास छड़ों में . ब्लॉग पे पहुंचें | |
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अच्छा प्रयास है । जौनपुर के ब्लोगर्स से मिलकर अच्छा लगा ।
जवाब देंहटाएंकईयों को तो हम भी जानते हैं और पढना होता रहता है ।
शुभकामनायें ।
बहुत खुब साथ साथ हि चलेन्गे
जवाब देंहटाएंअच्छा लगा जौनपुरियों का बढ़ता जमघट देखकर -मगर हमें यह भी नहीं भूलना है कि ब्लॉग मंडल हमें समूचे भूमंडल की प्रतीति कराता है -यहाँ भौगोलिक समा रेखायें मायने नहीं रखतीं !
जवाब देंहटाएं!
जवाब देंहटाएंस्वतन्त्रता की 65वीं वर्षगाँठ पर बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
बहुत अच्छा लगा यह देखकर!
जवाब देंहटाएंटिप्पणी बाक्स भी सरल कीजिए ना!
स्वतन्त्रता की 65वीं वर्षगाँठ पर बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंबहुत ही शानदार । जौनपुर और हिंदी ब्लॉगिंग के लिए गर्व की बात है । सबको बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं । परिचय कराने के लिए आपका धन्यवाद मासूम जी
जवाब देंहटाएंबेहतरीन शुरुआत,अच्छी जानकारी.
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