आज जौनपुर में मन किया की चलो शाही पुल का नज़ारा लेते हुए कुछ मित्रों से मुलाक़ात कर ली जाये | बस सोंचना था और निकल पड़ा ११ बजे कोतवाली चाहार्सू होता हुआ शाही पुल की तरफ | लेकिन जैसे ही शाही पुल की तरफ बढ़ा तो ऐसा लगा कोई मेला लगा हुआ है | शाही पुल के दोनों तरफ लागु हुयी दुकानें और बीच में ट्राफिक जाम | कोई आगे से ओवर टेक करने की कोशिश में है तो कहीं किसी ने अपनी गाडी टेढ़ी कर के फंसा रखी है |
इस ट्राफिक जाम में फंसे लोग अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए किसी तरह से बस रेंगते नजर आ रहे थे । छठ पूजा की खरीदारी को बड़ी तादाद में निकले शायद इस जाम का एक अहम कारण थे ।
बस फिर क्या था फ़ौरन फैसला कर लिया की आज शाही पुल का नज़ारा लेने का इरादा त्याग दो और चलो कहीं आस पास किसी मित्र के पास और चला पड़ा गुलर घाट के मित्रों से मिलने जुलने | जब २ बजे वापस आया तो हालात वैसे ही थे |
जौनपुर शहर को इस ट्राफिक जाम की समस्या से छुटकारा दिलाने की कोशिश करना आवश्यक है वरना शाही पुल की सुन्दरता को हम कम निहारेंगे और शाही पुल ट्राफिक जाम को ही निहारता रहेगा |
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