किसी जमाने में पूरी दुनियां में सब पर भारी रहा जौनपुर का मूली जलवायु परिवर्तन और बढ़ती जनसंख्या के चलते आज अपने वजूद के लिए के लिए हाफ रहा हैं। हालत यह है कि कभी सैकड़ो बीघे की जमीनों पर होने वाली यह खेती जमीन के चंद टुकड़ो तक ही सीमित रह गयी हैं।
नगर के खासनपुर मोहल्ले के खेतो में पैदा हुई इन मूलियों का कद करीब तीन दषक पूर्व इसका चार गुना हुआ करती थी। लेकिन बदलते जलवायु और तेजी से बढ़ रही जनसंख्या के चलते आज यह पोलियोग्रस्त हो गया हैं। पहले इन मूलियों की खेती गोमती नदी के किनारे बसे बलुआघाट,ताड़तला,पानदरीबा, मुफ्ती मोहला,मुल्ला टोला समेत दर्जनो गांवो के किसान करते थे। लेकिन बढ़ती आबादी के चलते मूलियों के खेतो में कंकरीट के जंगल बिछ गये हैं। फिलहाल कुछ जागरूक किसान अपने पूर्वजो की खेती और जौनपुर की पहचान को संरक्षित करने के लिए आज भी इन नेवार प्रजाति की मूली की खेती कर रहे हैं।
कृषि वैज्ञानिक एस पी सिंह के अनुसार....
फिलहाल कुछ किसान जौनपुर मूली की पहचान बनाने में कामयाबी हासिल कर रखी है। जल्द ही शासन प्रषासन ने इस तरफ ध्यान नही दिया तो यह पूरी तरह नेस्त नाबूत हो जायेगा।
मूली की इस नेवार प्रजाति को बचाने की हर हाल में कोशिश की जानी चाहिए|
अच्छी जानकारी .. मूली की इस नेवार प्रजाति को बचाने की हर हाल में कोशिश की जानी चाहि !!
जवाब देंहटाएंHi,
जवाब देंहटाएंI am basicaly from jaunpur. But from last six month i live in Bangalore and Chennai. I am missing my city. I think government should concentrate on this.
जौन्पुर कि आन बान और शान muli मेरि जान खाने मे बहुत मिस्स कर ता हु इस्लिये सेराजे हिन्द कि इस शान को ब्चाने मे श्ह्योग क्ररे
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