विश्वविद्यालय के संगोष्ठी भवन में शिक्षक दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में विद्यार्थियों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए आदरणीय कुलपति प्रोफ़ेसर सुंदर लाल जी नें कहा कि आज समय की पुकार है कि शिक्षक अपनें तप बल से विद्यार्थियों को प्रेरणा दें,ताकि विद्यार्थी उनका अनुसरण कर अपनी मंजिल पा सकें .गुरु -शिष्य परम्परा कलंकित न हो इसके लिए गुरुजनों को सक्रिय होना होगा .उन्होंने कहा कि जहाँ एक ओर विद्यार्थी ज्ञान प्राप्ति के लिए संकुचित दृष्टिकोण अपना रहे हैं वहीं गुरुजन भी विद्यार्थियों के साथ उस तरह नहीं जुड़ पा रहे जैसे वे पहले जुड़ते थे.शिक्षक का मतलब केवल किताबी ज्ञान देना भर नहीं है अपितु उसे विद्यार्थियों के चतुर्मुखी विकास के लिए सोचना होगा.उन्हें अपनें ज्ञान का स्तर इतना बढ़ाना होगा ताकि उसके पांडित्य का प्रभाव विद्यार्थियों पर निश्चित रूप से पड़ सके क्योंकि आज का विद्यार्थी भी अब सजग और जागरूक है..उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को भी अपना ज्ञानचक्षु खुला और भावनाओं को जिन्दा रखना होगा. आज इस पुनीत दिन हम सबको एक-दूसरे की बेहतरी और सम्मान के लिए संकल्पित होना होगा.
इस समारोह के साथ माननीय कुलपति जी द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में राष्ट्रीय सेवा योजना की चार इकाइयों का भी शुभारम्भ किया गया. इस अवसर पर इंजीनियरिंग संकाय के डीन प्रो.बी.बी.तिवारी नें कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है,इस पावन दिवस पर परिसर में चार इकाइयों का गठन अभूतपूर्व है.यह सब माननीय कुलपति जी की प्रेरणा से ही संभव हो सका है.अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो.राम जी लाल नें कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना के इस इकाई के गठन का एकमात्र उद्देश्य जन सेवा है.उन्होंने कहा कि समाज सेवा से ही देश सेवा होती है .उन्होंने आशा व्यक्त की कि हमारे विद्यार्थी विश्वविद्यालय, जनपद और देश में जन सेवा का एक आदर्श प्रस्तुत करेंगे.विश्वविद्यालय के इतिहास में यह एक महत्त्वपूर्ण पड़ाव है. वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ हितेंद्र प्रताप सिंह नें विस्तार से इसके उद्देश्यों और आदर्शों की चर्चा की.उन्होंने कहा कि दूसरों के लिए सेवा भाव रखना ही राष्ट्रीय सेवा योजना का मुख्य उद्देश्य रहा है. इंजीनियरिंग संकाय के डॉ संतोष कुमार ,डॉ अमरेन्द्र कुमार सिंह ,श्री भूपेंद्र पाल और फार्मेसी संस्थान के श्री विनय कुमार को परिसर स्थित चारों इकाइयों का स्थानीय समन्वयक बनाया गया है. पूर्व में सर्व पल्ली डॉ राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण और गुरुवन्दना के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की गई. आयोजन राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा और संचालन डॉ संतोष कुमार द्वारा किया गया.
इस अवसर पर डॉ अशोक कुमार श्रीवास्तव,डॉ मनोज मिश्र,श्री रजनीश भाष्कर,श्री रविप्रकाश,श्री गंगवार ,श्री एच .एन. यादव सहित विश्वविद्यालय के समस्त छात्र-छात्राएं मौजूद रहे.
शिक्षक दिवस के दिन विश्वविद्यालय परिसर में राष्ट्रीय सेवा योजना की चार इकाइयों का गठन वाकई एक अभूतपूर्व पहल है.यह आदरणीय कुलपति जी की प्रेरणा से ही संभव हो सका है .
जवाब देंहटाएंगुरु के बिना आधुरा काम
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