728x90 AdSpace

This Blog is protected by DMCA.com

DMCA.com for Blogger blogs Copyright: All rights reserved. No part of the hamarajaunpur.com may be reproduced or copied in any form or by any means [graphic, electronic or mechanical, including photocopying, recording, taping or information retrieval systems] or reproduced on any disc, tape, perforated media or other information storage device, etc., without the explicit written permission of the editor. Breach of the condition is liable for legal action. hamarajaunpur.com is a part of "Hamara Jaunpur Social welfare Foundation (Regd) Admin S.M.Masoom
  • Latest

    गुरुवार, 15 सितंबर 2011

    क्या ऐसे ही हम 2020 तक महाशक्ति बनेंगे ? (२)

    मा पलायनम से साभार-गतांक से आगे...
    मूल विज्ञान नीति 1958 में भारत के पहले प्रधानमंत्री पं0 जवाहरलाल नेहरू ने आम आदमी तक वैज्ञानिक मनोवृत्ति के प्रसार की पुरजोर वकालत की थी, किन्तु आज भी भारतीय परिप्रेक्ष्य में कोई उल्लेखनीय बदलाव नहीं आया हैं। वर्तमान समय में जनमाध्यम (इलेक्ट्रानिक एवं प्रिण्ट मीडिया) वैज्ञानिक जागरूकता के नजरिये से अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं कर रहे हैं। दशकों पूर्व जन माध्यमों में लुप्त हो चुकी अवैज्ञानिक खबरें आज मीडिया की सुर्खियों में हैं। भूत-प्रेत,शकुन-अपशकुन,व्याह शादी में कुण्डली मिलान,रोग-व्याधियों का देवी-देवताओं से सम्बन्ध,ग्रह-नक्षत्रों के दुष्प्रभाव,तान्त्रिकों का महाजाल एवं अन्याय पुरातन अवैज्ञानिक धारणायें आज इन जन माध्यमों के जरिए अपनी पुनर्वापसी कर रही हैं.
    आज इलेक्ट्रानिक मीडिया में देश के सर्वाधिक प्रतिष्ठत चैनलों पर जो कि सबसे तेज होने का दावा कर रहे हैं,वे नाग-नागिन,भूत-प्रेत,डाक बंगलों का रहस्य,सूर्य-चन्द्रग्रहण को अनिष्टकारी बताते हुए या तमाम ऐसी अवैज्ञानिक खबरों को 24 घण्टे प्रसारित करते हैं जिनका कि सच से दूर तक वास्ता नहीं होता। परन्तु इन चैनलों के संवाददाता अपने सीधे प्रसारण में इस विश्वास के साथ बात करते हैं कि कैसे नाग के हत्यारे की फोटो नागिन की आँखों में चस्पा होती है,कैसे सूर्य-चन्द्रग्रहण अमुक राशि वाले व्यक्तिओं के लिए घातक होगा या फिर कैसे डायन भेष बदलकर गांवों में आ रही है एवं उससे बचने का क्या उपाय है? आदि-आदि। निश्चित रूप से विज्ञान विधि से अप्रशिक्षित ये संवाददाता इस तरह से जाने-अनजाने इस देश को अंधे युग की ओर ले जा रहे हैं। मीडिया में हाल के महीनों से अवैज्ञानिक खबरों को प्रदर्शित करने की जैसे होड़ लगी थी । वह भी ऐसी खबरें जिनका कि कोई वैज्ञानिक सच नहीं है। जैसे-’चीते की खाल बरामद-चार बन्दी’, (बताते चलें कि भारत के जंगलों में चीते के विलुप्त हुए कई दशक बीत चले हैं), ’अनिष्टकारी होगा सूर्यग्रहण’, ’पवित्र मरियम की मूर्ति से सुगंधित इत्र का स्राव’, ’माहिम (मुंबई) में चमत्कार से मीठा हुआ समुद्र का पानी’, ’राची में हनुमान की मूर्ति ने आँखें तरेंरीं’, ’गणेश जी ने पुनः शुरू किया दुग्ध पान’, ’घरों पर जो ओ३म् नहीं लिखेगा-डायन मार डालेगी’,’तंत्र-मंत्रों से इलाज कराइए’ एवं ’इच्छाधारी नागिन’ ने पांच बार डसा’आदि आदि।ऐसी खबरें समाज को किस ओर ले जा रही हैं, यह गम्भीर चिंतन का विषय है। कब तक हम ऐसे कृत्यों से अपने आपको एवं पूरे समाज को महिमा मंडित करने का दावा कर पूरे राष्ट्र को कलंकित करते रहेगें?

    जारी......





    • Blogger Comments
    • Facebook Comments

    0 comments:

    एक टिप्पणी भेजें

    हमारा जौनपुर में आपके सुझाव का स्वागत है | सुझाव दे के अपने वतन जौनपुर को विश्वपटल पे उसका सही स्थान दिलाने में हमारी मदद करें |
    संचालक
    एस एम् मासूम

    Item Reviewed: क्या ऐसे ही हम 2020 तक महाशक्ति बनेंगे ? (२) Rating: 5 Reviewed By: डॉ. मनोज मिश्र
    Scroll to Top