जौनपुर (सं.) श्री विश्वकर्मा पूजा महासमिति के बैनर तले रविवार 18 सितम्बर 2011 को 3 दर्जन से अधिक शिल्पदेव भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमाओं का विसर्जन आदि गोमती नदी की पवित्र धारा में कर दिया गया।
इसके पहले अहियापुर मोड़ पर सभी प्रतिमाएं एकत्रित हुईं जहां उद्घाटन के बाद चली शोभायात्रा नगर भ्रमण करते हुये नखास पहुंची। शोभायात्रा में शामिल पूजन समितियों के कार्यकर्ता भक्ति गीत की धुनों पर नृत्य एवं जयकारे करते हुये भक्त प्रतिमाओं को लेकर नखास स्थित विसर्जन घाट पर पहुंचकर गोमती की धारा में प्रतिमाओं का विसर्जन कर दिया।
कोतवाली चैराहे पर नियंत्रण कक्ष बनाया गया था जहां से पूरे शोभायात्रा का संचालन सुशील वर्मा एडवोकेट द्वारा किया गया। वहीं निर्णायक मण्डल के सदस्यों के अलावा महासमिति के संरक्षक सहित तमाम पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में संस्थापक/संरक्षक कैलाशनाथ सम्पादक के अलावा योगेश विश्वकर्मा, आदर्श कुमार, संदीप विश्वकर्मा, जिया लाल विश्वकर्मा, मण्टू विश्वकर्मा सहित अनेक लोग प्रमुख रहे। शोभायात्रा के दौरान पूरा जनसैलाब सड़क पर उमड़ा रहा जहां जयघोष से पूरा वातावरण शिल्पदेवमय नजर आ रहा था।
इसके पहले नगर के शाहगंज पड़ाव स्थित सूरज आटो सेल्स के प्रांगण में पण्डाल लगाकर स्थापित की गयी शिल्पदेव की प्रतिमाएं शनिवार को गोमती नदी में विसर्जित कर दिया गया। सिंहासन बनाकर उस पर प्रतिमा रखकर लोग ध्वनि विस्तारक यंत्र के धुन पर नृत्य कर रहे थे जो बीच-बीच में जयकारे भी लगा रहे थे। इस अवसर पर कार्यक्रम आयोजक दिलीप विश्वकर्मा, बबलू विश्वकर्मा, विनोद मौर्य, पंकज मौर्य, ज्ञानचन्द, मनोज मौर्य, राजन विश्वकर्मा सहित तमाम सम्बन्धित व गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।
इसके पहले अहियापुर मोड़ पर सभी प्रतिमाएं एकत्रित हुईं जहां उद्घाटन के बाद चली शोभायात्रा नगर भ्रमण करते हुये नखास पहुंची। शोभायात्रा में शामिल पूजन समितियों के कार्यकर्ता भक्ति गीत की धुनों पर नृत्य एवं जयकारे करते हुये भक्त प्रतिमाओं को लेकर नखास स्थित विसर्जन घाट पर पहुंचकर गोमती की धारा में प्रतिमाओं का विसर्जन कर दिया।
कोतवाली चैराहे पर नियंत्रण कक्ष बनाया गया था जहां से पूरे शोभायात्रा का संचालन सुशील वर्मा एडवोकेट द्वारा किया गया। वहीं निर्णायक मण्डल के सदस्यों के अलावा महासमिति के संरक्षक सहित तमाम पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में संस्थापक/संरक्षक कैलाशनाथ सम्पादक के अलावा योगेश विश्वकर्मा, आदर्श कुमार, संदीप विश्वकर्मा, जिया लाल विश्वकर्मा, मण्टू विश्वकर्मा सहित अनेक लोग प्रमुख रहे। शोभायात्रा के दौरान पूरा जनसैलाब सड़क पर उमड़ा रहा जहां जयघोष से पूरा वातावरण शिल्पदेवमय नजर आ रहा था।
इसके पहले नगर के शाहगंज पड़ाव स्थित सूरज आटो सेल्स के प्रांगण में पण्डाल लगाकर स्थापित की गयी शिल्पदेव की प्रतिमाएं शनिवार को गोमती नदी में विसर्जित कर दिया गया। सिंहासन बनाकर उस पर प्रतिमा रखकर लोग ध्वनि विस्तारक यंत्र के धुन पर नृत्य कर रहे थे जो बीच-बीच में जयकारे भी लगा रहे थे। इस अवसर पर कार्यक्रम आयोजक दिलीप विश्वकर्मा, बबलू विश्वकर्मा, विनोद मौर्य, पंकज मौर्य, ज्ञानचन्द, मनोज मौर्य, राजन विश्वकर्मा सहित तमाम सम्बन्धित व गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।
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