Untold Story of Mughal Period Shahi Barguzar Pull Jaunpur
जौनपुर में मुग़लों के बनवाये तीन शाही पुल बहुत ही मशहूर है जिसमें से जलालपुर और बर्गुजर पुल का इस्तेमाल अब नहीं होता। केवल जौनपुर शहर का शाही पुल जौनपुर की शान के रूप में सीना ताने खड़ा तो है लेकिन गुहार लगा रहा है कि अगर ध्यान नहीं दिया और उगते पीपल को नही जलाया तो वो दिन दूर नहीं कि बर्गुजर पुल की तरह शाही पुल को भी बंद किया जाएगा।
इलाहाबाद रोड पे शहर से 18 किलोमीटर दूर बने शाही बरगुज़र पुल को बनवाया था अकबर के दौर में मोइन खानखाना के दोस्त ने जिन्हें ख्वाजा दोस्त के नाम से जाना जाता था। शेख उल मुल्क ख्वाजा दोस्त अकबर के दौर के प्रख्यातविध्वान थे और घिसवा इलाके के रहने वाले थे। इनका पूरा नाम शेख निजामए निजामुद्दीन था और यह अकबर के दौर के मुईन खानखाना के मित्र थे। यह जिस मुहल्ले में रहा करते थे इसका नाम मुहल्लाह ख्वाजा दोस्त पड़ा और आज भी उनके घराने वाले वहां रहते हैं। आपने इलाहाबाद रोड पे सईनदी पे 1553 में एक शाही पुल बनवाया जिसे आज बरगुजर पुल के नाम से जाना जाता हैं और वहीं पे एक कोठी बनाई जिसके अवशेष आज भी मौजूद हैं।
इस पुल का निर्माण 1563 में शाही पुल के बचे हुए पत्थरों से हुआ था इसी लिए इसे बरगुज़र (बचा खुचा) कहते हैं।
1830 में इसमे दरार आ गयी जिसे अंग्रेजों ने सही करवाया लेकिन वक़्त के साथ अब इसका इस्तेमाल नही होता जबकि शान इसकी आज भी बाकी है।
जंगलों और खंडहरों से घिरे इस पुल को आज भी पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बनाया जा सकता है।
एस एम् मासूम
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