पूरे महीने रोजेदारों ने रोज़े रखे लोगों ने एक दुसरे को इफ्तार पे बुलाया |बहुत सी सियासी और बहुत सी धार्मिक इफ्तार पार्टियाँ आयोजित की गयी जिस से लोगों के आपस में सम्बन्ध और अच्छे बने | रमज़ान के महीने में मुसलमान पूरी दुनिया में एक महीने रोज़ा रखते हैं जिसमे वो हर तरह के पाप से बचते हैं और एक महीना पूरा होते ही वो ईद के दिन खुशियाँ मनाते हैं क्यूँ की ईद की नमाज़ के बाद फ़रिश्ता रोजेदारों को यह खुशखबरी सुनाता है की मुबारक हो मुबारक हो तुम्हारे रोज़े कुबूल हुए और तुम्हे अल्लाह ने पाप से मुक्त किया |
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Calligraph |
जौनपुर में ईद की नमाज़ कई मस्जिदों में हुआ करती है जिस से पूरे जौनपुर में रौनक नज़र आती है |
मैखान-ए-इंसानियत की सरखुशी, ईद इंसानी मोहब्बत का छलकता जाम है।
आदमी को आदमी से प्यार करना चाहिए, ईद क्या है एकता का एक हसीं पैगाम है।
एस एम् मासूम
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