728x90 AdSpace

This Blog is protected by DMCA.com

DMCA.com for Blogger blogs Copyright: All rights reserved. No part of the hamarajaunpur.com may be reproduced or copied in any form or by any means [graphic, electronic or mechanical, including photocopying, recording, taping or information retrieval systems] or reproduced on any disc, tape, perforated media or other information storage device, etc., without the explicit written permission of the editor. Breach of the condition is liable for legal action. hamarajaunpur.com is a part of "Hamara Jaunpur Social welfare Foundation (Regd) Admin S.M.Masoom
  • Latest

    रविवार, 31 जुलाई 2011

    लाखो श्रद्धालुओ के आस्था का केंद्र त्रिलोचन महादेव

    लाखो श्रद्धालुओ के आस्था के केंद्र त्रिलोचन महादेव जहा सात पाताल भेदकर खुद भगवान शकर खुद विराजमान हुए यह मदिर तमाम रहस्मय गथाओ को समेटे हुए है किद्वंती है की भेले नाथ ने यहा समाधि ली है बताया जाता है कि दो गावो के बीच इस बात को लेकर विवाद होने लगा कि बाबा किस गाव में है इसके लिए कई बार पचायते हुई बावजूद इसके कोई हल नही निकला बाद में यह फैसला बाबा के ऊपर ही छोड़ दिया गया मन्दिर का दरवाजा बंद कर दिया गया सुबह दरवाजा खोला गया तो बाबा की मूर्ति लहगपुर गाव कि तरफ झुका हुआ था


    जौनपुर मुख्यालय से करीब ३० किलोमीटर दूर भब्य  बाबा भोलेनाथ के दरबार में हर सोमवार  भक्तो का जन सैलाब उमड़ता है यहा दूर दूर से भक्त भगवान शिव के जलाभिषेक के लिए आते है इस मंदिर का इतिहास १५ वी सदी तक दिखाई पड़ता है कहा जाता है कि पहले इस स्थान पर घना जगल हुआ करता था लोग इस जगल में जानवरों के चराने जाते थे इसी जानवरों में से एक गाय प्रतिदिन एक स्थान पर खड़ी होकर अपना दुध गिरती थी चरवाहों ने यह बात गाव बताई गाव के बड़े बुजुर्ग उस स्थान पर खुदाई कराई तो विशाल शिवलिग मिला ग्रामीणों ने भोले नाथ को वही स्थापित कर पूजापाठ शुरू कर दिया बाद में यह मंदिर त्रिलोचन महादेव के नाम से विख्यात हुआ एक बार रेहटी और लहगपुर गाव के लोगो के  बीच इस बात को लेकर विवाद शुरू हो गया कि यह मंदिर किस गाव में इस विवाद में कई बार पंचायते हुई लेकिन मामला हल नही हुआ लोगो इस विवाद का हल भोले नाथ पर ही छोड़ दिया मंदिर में ताला बंद कर अपने अपने घर चले गये और दोनों गाव के कुछ लोग पहरेदारी करने लगे सुबह ताला खोला गया तो रेहटी गाव कि तरफ लिग झुका हुआ था सामने स्थित  तालाब के बारे में बताया जा रहा है कि इस कुण्ड सीधे गोमती नदी से जुडी हुई है जिसके चलते इसका  पानी कभी खत्म नही होता इस कुण्ड में स्नान करने से चर्म रोग से छुटकारा मिल जाता है
    • Blogger Comments
    • Facebook Comments

    4 comments:

    1. mein nam bablu kumar rajbhar hai mein jaunpur ke jalalpur blak ke kusaovn gaov mein rahta hoo.aur mere ghar se baba trilochan mahadev ka mandir kariv 3 km hai. humlog baba bhone nath mein bahoot Aastha rakhatey hai kyoki hum jante hai ke baba bhole nath se jo kuch manga jay o sab baba ki bhakti se prapt ho jata hai.aur mein pratek varsh savon ke mahine mein pratham somvar ko kawar chadaata hoo. tatha yeha pratek somvar ko door door se bahoot shredhalu baba ko jal chadane ke liye yeha Aate hai .

      जवाब देंहटाएं
    2. mera naam bablu kumar rajbhar hai mein es samay r7 infotainmet T.V. News mein Editor and Studio Camera varanasi mein job pe hoo. tatha mera ghar trilochan mahadeo mandir se lagbhag 3km door pe hai.mein tatha mere pariwar ke anya sadasya log bhagwan bholenath ki bhagti mein bahoot shradhya rakhatey hai. kaha jata hai ke bhagwan shiv ke jo pooja archana karta hai to bhagwan unki manokamna punya karte hai. yeha pratek somwan ko door - door se log Aakar bhagwan shiv ki pooja tathea Archana karte hai .mein pratek sal sawon ke mahine mein pratham somvar kio kawar chadata hoo, hum logo ke asha hai ke bhagwan shiv ko agar sawon ke mahine mein jal chaday diya jay tov unki pooja saphal ho jati hai . dhanyabad .

      जवाब देंहटाएं
    3. Thank u sir
      Aapne hamare mandir ko famous kraya.Mai proper whi ka hu..

      जवाब देंहटाएं

    हमारा जौनपुर में आपके सुझाव का स्वागत है | सुझाव दे के अपने वतन जौनपुर को विश्वपटल पे उसका सही स्थान दिलाने में हमारी मदद करें |
    संचालक
    एस एम् मासूम

    Item Reviewed: लाखो श्रद्धालुओ के आस्था का केंद्र त्रिलोचन महादेव Rating: 5 Reviewed By: S.M.Masoom
    Scroll to Top