इस बार अपने वतन जौनपुर जाने मैं एक साल हो चुका था. जौनपुर पहुंचा ,एक दिन अर्रम किया और निकला अपने वतन कि सड़कों, बाज़ारों कि सैर करने. इस बार जो शहर गया, चाहे सब्जी मंदी हो, कोतवाली, ओलन्दगंज या कचहरी सभी जगह एक अजीब नज़ारा देखा. सड़कों के बीच मैं रिक्शा , ताज़ी, साईकिल , ठेले वाले, सब्जी वाले और यहाँ तक कि सांड और गौ भी खड़ी मिली.
मैंने पुछा एक सज्जन से भाई यह माजरा क्या है कहने लगे यही तो है यहाँ का रोड डिवाईडर. हमने कहा धन्य हैं जौनपुर नगरपालिका वाले , लेकिन बाद मैं देखा जहाँ जहाँ रिक्शा वाले अधिक थे वहाँ इस से फायदा भी हुआ अब वो ट्राफिक जम नहीं हो रहा.
चलो यह भी ठीक ही है. अभी जौनपुर कि तरक्की मैं बहुत वर्ष लगने बाकी हैं.
बहुत खुब
जवाब देंहटाएंHi
जवाब देंहटाएंi am virendra kumar pal s/o shri bansh raj pal village kanvariya post khetasarai jaunpur i like jaunpur city becouse this city is a historical sity and jaunpur's people is very nice behaviour