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    शुक्रवार, 21 मार्च 2014

    जौंपुरियों इस बार ना बोना बीज बबूल का इलेक्शन २०१४ में |

    इलेक्शन का माहौल है प्रत्याशियों की बहार है और उनके समर्थकों की भीड़ हर जगह देखी जा सकती है | हर इंसान अपने तजुर्बे अपने ज्ञान अपनी जान पहचान और अपने फायदे को देखता हुआ यह तय  करता है की उसे किसका समर्थन करना है |

    सच यह है की वो प्रत्याशी हमें पसंद आना चाहिए जो जौनपुर की तरक्की करे यहाँ रोज़गार और व्यापार के अवसर  बढ़ाये | क्यूंकि जौनपुर की  तरक्की में ही हमारी तरक्की है | होता यह है की नेता बड़े बड़े वादे करता है जौनपुर वालों में एक खुशहाली की  उम्मीद जगाता है  और जीतने के बाद दिखता ही नहीं |  बरसों से जौनपुर इसी इंतज़ार में है की कोई नेता तो यहाँ से उठेगा जो इस जौनपुर को तरक्की की राह पे ले चलेगा और इसे खुशहाल बनाएगा | 

    जौनपुर बौद्ध काल में पूर्वांचल का सबसे बड़ा व्यापार केंद्र रहा है | यह कभी शार्की सल्तनत की राजधानी रहा है और आज भी इसमें पर्यटकों को आकर्षित करने की पूरी सलाहियत मौजूद है लेकिन सोंचने की बात है क्यूँ यह तरक्की की जगह पस्ती में जा रहा है ? कारण केवल एक है जौनपुर को सही नेता नहीं मिल रहा |

    क्या क्या समस्याएं हैं जौनपुर निवासियों की सबसे पहले तो इस्पे ध्यान देना आवश्यक है | आज जौनपुर का नौजवान पढ़ लिख के बड़ी बड़ी उम्मीदों के साथ जब निकलता है तो पाता है की यहाँ उसके लिए रोज़गार के अवसर करीब करीब ना के बराबर हैं | कुछ साल संघर्ष करता है फिर मायूस हो के किसी छोटे मोटे काम में लग जाता है या गुमराह हो जाता है और किसी को कोई सहयोग मिला तो वतन से दूर किसी और शहर की अपनी कर्मभूमि बनाने पे मजबूर हो जाता है | 

    जौनपुर में आज भी बिजली और पानी की समस्या से ही जूझ रहा है | बिजली जब यहाँ शुरू में आयी थी तो २४ घंटे रहती थी आज यह हाल  है की कोई नहीं जानता की बिजली कब आती है और कब जाती है और क्यूँ? इसी बिजली की समस्या के कारण यहाँ व्यापार फलते फूलते नहीं और फक्ट्रियां दूसरा शहर तलाश कर लेती हैं| पानी कहीं है  कहीं नहीं है और अगर है तो  इतना गन्दा की पेट की हजारों बीमारियाँ लिए यहाँ के रहने वाले  डाक्टरों की क्लिनिक के चक्कर लगाया करते हैं |

    जौनपुर में आज भी मौजूद शार्की और तुगलक समय के इमारतें पुराने मदिर आज भी पर्यटकों को आकर्षित करने की ताक़त रखती हैं यदि यहाँ पर्यटकों के लिए सुविधा पैदा की जाए |

    "क्या साफ़ पीने का पानी , समय पे बिजली , रोज़गार और व्यापार के अवसरों को बढाने की आशा  भी आज जौनपुर वाला अपने खुद के चुने हुए नेता से नहीं कर सकता ? "

    इस बदहाल जौनपुर में  फिर बहुत से प्रत्याशी बहुत से वादों के साथ आपके सामने आये हैं | जौनपुर निवासियों को अपने तजुर्बे और ज्ञान का इस्तेमाल करते हुए उनका चुनाव करना चाहिए जो हमारे जौनपुर को तरक्की दे और यहाँ की समस्याओं को दूर करे केवल वादे ना करे |

    गलत नेता का चुनाव जौनपुर के हक में नहीं और जौनपुर यदि तरक्की नहीं करता तो आप की आपके परिवार की तरक्की भी संभव नहीं | फिर बाद में पछताने से क्या होगा और वैसे भी मुहावरा याद है न की बोया बीज बबूल का तो आम कहाँ से होए | कभी ना भूलें समर्थन जब अंधभक्ति में बदलने लगता है तो उसका नुकसान समर्थक को ही उठाना पड़ता है |

    जौनपुर में इस बार किसे वोट दिया जाए जो जौनपुर की बिजली, पानी, की सुविधा दिलाये |


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    4 comments:

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    संचालक
    एस एम् मासूम

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