अभिभावकों का डर उचित हैं और उनको चाहिए कि अपने युवाओं को अंतरजाल का इस्तेमाल अकेले मैं ना करने दें या फिर किसी अच्छे साइबर मैं ही जाने दें. फिशिंग मेल ,अनामी और बेनामी लोगों से मित्रता मैं सतर्कता भी आवश्यक है. चैट के इस्तेमाल के समय अपनी सही पहचान ,किसी अनजान को ना दें और उसके बहकावे मैं ना आयें.
सत्य तो यह है कि अंतरजाल का इस्तेमाल आवश्यकता अनुसार ही किया जाए और अनावश्यक साईट पे विचरण करने से बचा जाए.
आज हिंदुस्तान जौनपुर मैं भी इसी बात का ज़िक्र हुआ , जिसमें प्राध्यापक पुविवी डॉ मनोज मिश्रा और जौनपुर सिटी वेबसाइट के संचालक श्री एस एम् मासूम के विचार भी शामिल हुए.
साभार www.jaunpurcity.in
वाह
जवाब देंहटाएंदुनिया जानी पहचानी होने लगी
बड़े धोखे हैं की चलना संभल के...
जवाब देंहटाएंबिलकुल सही कहा... अंतरजाल में कदम सोच-समझ कर ही बढाने चाहिए.
जवाब देंहटाएंyou are right sir.........this is quite appreciated that you are trying to save the young blood to do something wrong...........
जवाब देंहटाएंthanks not do only for joanpure think all about india........that is what we call writer...and we should write for human being.....
thanks
your elder brother
वाह
जवाब देंहटाएंदुनिया जानी पहचानी होने लगी
be positive and be optimistic
duniyaa simaTane lagee hai. badhaaI
जवाब देंहटाएंRight Discussion.
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