नवाबों के वक़्त का मक़बरा मीर रुस्तम अली खां अभी अच्छी हालत में है |
मीर रुस्तम अली खां अफगान जाती के थे और उनका निवास स्थान भदोही था | आप नवाब सआदत अली खान के समय में जौनपुर बनारस गाज़ीपुर की ज़मींदारी के नाज़िम थे और बाद में इसमें बहराइच ,राठ ,आजमगढ़ इत्यादि मिल गए लेकिन मीर रुस्तम अली खां प्रबंधकर्ता ही रहे लेकिन करवट बदली और उन्हें लोभ होने लगा और इसी के चलते दिल्ली के बादशाह अमीर खान से गाज़ीपुर बनारस और चुनार मांग लिया लेकिन इस की खबर नवाब मंसूर जंग को हो गयी और उसने गुस्से में मीर रुस्तम अली खां को गिरफ्तार कर लिया और उनकी सारी जायदाद ज़प्त करवा ली |
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मीर रुस्तम अली खां का अंतिम समाय बड़ा बुरा गुज़रा और इसी दुःख में उनका देहांत हो गया और उनके देहांत की खबर सुन के उनके पुत्र मीर सलामत अली का भी देहांत हो गया |
उनका मक़बरा मोहल्ला खासन पुर इलाक़े में आज भी अच्छी हालत में मौजूद है | इस मक़बरे की देख रेख भी अच्छी है | सन 1732 के आस पास के समय में बनने के कारन भी यह अभी अपनी असली हालत में है बस इसका रंग रोग़न हरा है जिस से इसकी असल शक्ल और सुंदरता जाती रही |
लेखक एस एम मासूम
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"बोलते पथ्थरों के शहर जौनपुर का इतिहास " लेखक एस एम मासूम
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