जौनपुर संसदीय सीट पर निर्दल प्रत्यासी के रुप मे नामांकन दाख़िल करनें वाले बाहुबली पूर्व सांसद उमाकांत यादव का पर्चा आज रिटर्निग आफिसर सुहास एलवाई ने आज ख़ारिज कर दिया। उमाकांत के ऊपर आरोप है कि उन्होने नामांकन पत्र के साथ दाखिल किये गये सपथ पत्र मे जौनपुर दीवानी न्यायालय द्वारा सात की सज़ा को माननीय हाई कोर्ट द्वारा स्टे होने बात लिखा था। शुक्रवार से शुरू हुई नामांकन पत्रो की जाँच मे पाया गया कि उमाकांत ने आपने सपथ पत्र मे लिखा है कि उन्हे फर्जी ढंग़ से जमीन हडपने के मामलें मे जौनपुर सिविल कोर्ट दोषी पाते हुये 7 वर्ष की सजा सुनाई है। इस सज़ा को माननीय हाई कोर्ट इलाहबाद ने निलम्बित और स्थगित कर दिया है लेकिन कोई प्रमाणित कॉपी नहीं लगाया था। आज जाँच पड़ताल के बाद उनका पर्चा ख़ारिज कर दिया गया है। यदि यह बात सही है तो इस बार उमाकांत ने चुनाव आयोग के साथ फ्राड करने का मामला बन सकता है।
ख़बरों के अनुसार उमाकांत यादव द्वारा अपने नामांकन पत्र के साथ झूठा सपथ पत्र दाखिल करने के मामले मे एसडीएम सदर ज्ञानेंद्र सिंह ने लाइन बाजार थाने मे मुकदमा दर्ज़ कराया है। पुलिस ने धारा 419 , 420 की तहत मुकदमा दर्ज किया है।
ख़बरों के अनुसार उमाकांत यादव द्वारा अपने नामांकन पत्र के साथ झूठा सपथ पत्र दाखिल करने के मामले मे एसडीएम सदर ज्ञानेंद्र सिंह ने लाइन बाजार थाने मे मुकदमा दर्ज़ कराया है। पुलिस ने धारा 419 , 420 की तहत मुकदमा दर्ज किया है।
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