आज से लगभग दो ढाई सौ साल पहले बाल विवाह और सतिप्रथा का चलन ज़ोरों पे था और इसके निशाँ आज भी जफराबाद में तीन चार स्थानों पे मिला करते है | इस बार मैं खुद जा पहुंचा जफराबाद जहां के सतिस्थल हमेशा चर्चा का विषय रहे हैं |
जफराबाद में गोमती किनारे सेमर घाट पे पहुँचते ही कुछ खूबसूरत खम्बे दिखे जिनके बारे में पूछने पे पता चला की ये सतियों की याद में बनाय गए हैं और आज भी यहां सती हुयी देविओं की पूजा की जाती है जबकि इस प्रथा का पूर्णतया अंत हो चूका है | सेमर घाट पे दो सटी स्थल मिले जहां एक में साथ खम्बे और दुसरे पे पांच खम्बे मिले जो अलग अलग जाति के सती स्थल हैं |
उक्त शिलाएं कस्बे के स्व. राधेश्याम बरनवाल के पूर्वजों की मृत्यु के बाद उनकी सती हो चुकी पत्नियों की याद में बनवाये गये हैं। लगभग 90 वर्षीया ज्ञानेश्वरी देवी पत्नी राधेश्याम बरनवाल बताती हैं कि उन्होंने अपने पूर्वजों से इन सतियों के बारे में जो जानकारी मिली थी, उसके अनुसार कालान्तर में सती प्रथा के चलन में कुल 7 महिलाएं सती हुई थीं। यह परम्परा उनके खानदान में पूर्व के 14 पुस्तों तक चलती रही। इस प्रथा के बन्द होने के प्रश्न पर वह बताती हैं कि लगभग 250 वर्ष पहले की बात है। जब उन्हीं के घर की राम कटोरी देवी जो 6 वर्ष की आयु में ही विधवा हो चुकी थीं, की सती होने की बात पर परिवार में असमजंस की स्थिति बनी हुई थी तथा समाज से भी यह प्रथा बन्द करने की कवायद शुरू हो चुकी थी।
साथ ही उनकी उम्र को देखते हुये परिवारिक निर्णय में इस प्रथा को बन्द करते हुये उस समय परिवार के ही बेचू लाल बरनवाल, कालीचरन बरनवाल सहित तत्कालीन तहसीलदार लक्ष्मन दास बरनवाल ने पूर्व में सती हो चुकीं महिला पूर्वजों की बनायी गयी शिलाएं की मरमम्त आदि करवाने का निर्णय लिया। बीते कार्यकाल में स्थानीय नगर पंचायत ने उक्त स्थल की सुधि लेते हुये उक्त स्थल पर इण्टरलाकिंग करा दिया गया था। आज भी शादी विवाह के पश्चात जोड़ा आशीर्वाद प्राप्ति के लिये सेमर घाट पहुंचता है और मत्था टेक करके सती देवी से सुखी दाम्पत्य जीवन की कामना करता हैं। पुत्र प्राप्ति के पश्चात यहां पर सभी शिलाओं को सती के रूप में इन शिलाओं का सोलहों श्रृंगार किया जाता है और 3 चांदी का कलश व 4 मिट्टी के कलश रखकर पूजा की जाती है। साड़ियां प्रजाओं में बांटने के बाद जो बचती है, उसे बहू-बेटियां सत्ती मां का आशीर्वाद मानकर पहनती हैं।
यह पूजा तो आज भी होती है लेकिन यह सती प्रथा पूरी तरह से बंद हो चुकी है |
Discover Jaunpur (English ), Jaunpur Photo Album
Admin and Founder
S.M.Masoom
Cont:9452060283
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें
हमारा जौनपुर में आपके सुझाव का स्वागत है | सुझाव दे के अपने वतन जौनपुर को विश्वपटल पे उसका सही स्थान दिलाने में हमारी मदद करें |
संचालक
एस एम् मासूम