728x90 AdSpace

This Blog is protected by DMCA.com

DMCA.com for Blogger blogs Copyright: All rights reserved. No part of the hamarajaunpur.com may be reproduced or copied in any form or by any means [graphic, electronic or mechanical, including photocopying, recording, taping or information retrieval systems] or reproduced on any disc, tape, perforated media or other information storage device, etc., without the explicit written permission of the editor. Breach of the condition is liable for legal action. hamarajaunpur.com is a part of "Hamara Jaunpur Social welfare Foundation (Regd) Admin S.M.Masoom
  • Latest

    शनिवार, 7 जनवरी 2023

    शाही किला जौनपुर के रहस्य भाग 1

    शाही किला जौनपुर के रहस्य भाग एक 

    जौनपुर के इतिहास पे अधिक काम नहीं हुआ और आज भी ऐसे बहुत से रहस्य हैं जिनके बारे में लोगों को अधिक जानकारी नहीं और किंवदंतियों का बोलबाला है।
    ऐसे ही अनगिनत रहस्य जौनपुर के मशहूर शाही किले में दबे पड़े हैं। फिरोज शाह तुगलक द्वारा बनवाए इस किले ने कई दौर देखे हैं और इसी कारण से तुगलक से ले के शर्की और मुगल काल की छाप इसमें दिखाई देती है।

    शाही किला जौनपुर के रहस्य

    इस जौनपुर के किले का बाहरी द्वार मुगलों के दौर में बना और इस बहुचर्चित क़िले के गेट के बाहर गोल चबूतरे पे एक खंबा लगा है जिसके बारे में अनगिनत भ्रांतियां किंवदंतियां लोगों में फैली हुई है ।
    लोग अक्सर सोचते हैं की इसपे कुरान की कोई आयत लिखी हुई है जो एक गलतफहमी है। आयतल कुर्सी क़ुरान की आयात है और क़ुरान की भाषा अरबी है जबकि उस खम्बे पे जो इबारत लिखी है वो फारसी है |  दूसरी बात जो फैलाई जाती है वो यह की इसमें ख़ज़ाने का रहस्य छुपता है जो की अज्ञानता वश मशहूर किया गया है | 


    हकीकत यह है कि इस 6 फीट के खम्बे पे 17 लाइन की इबारत लिखी हुयी है | ये  शिला लेख गोलाकार चबुतरे पे लगा हुआ है और उस पे फारसी मे कुछ लिखा हुआ  है | इस शिला लेख की लिखावट सन ११८० हिजरी की है | इसको सैयेद मुहम्मद बशीर खां क़िलेदार ने शाह आलम जलालुद्दीन बादशाह तथा नवाब वज़ीर के समय मे लगवाया था |
    शाही किला जौनपुर के रहस्य


    इसके शब्द इस प्रकार हैं | 
    "सय्यद मुहम्मद बशीर खान ने यहा के शासक और कोतवाल ,फौजदार और निवासियो को चेतावनी दी कि जौनपुर की आय मे सैयदो  व बेवाओं  तथा उनसे संबंधित और दीन की सहायता हेतू जो धन निश्चित है उसमे कोई कमी ना की जाय | हिन्दुओ को राम गंगा और त्रिवेणी और मुसलमानो को खुदा व रसूल (स.अ व ) व पंजतन पाख ,सहाबा और चाहारदा मासूम और सुन्नी हजरात को चार यार की क़सम है कि यदि उन्होंने इसका पालन नहीं किया तो खुदा और रसूल की उसपे  धिक्कार होगी और प्रलय के दिन मुख पे कालिमा  लगी होगी तथा नर्क निवासियो की पंक्ती मे शामिल होगा | बारह रबिउल अव्वल  ११८० हिजरी को इस शुभ कार्य का पत्थर  सैयेद मुहम्मद बशीर खां क़िलेदार ने लगवाया ।"

    सत्य ये है इस खम्बे पे फ़ारसी में एक क़सम लिखी है जिसे  मुहम्मद बशीर खां क़िलेदार ने शाह आलम जलालुद्दीन बादशाह तथा नवाब वज़ीर के समय मे लगवाया था | यह समय था ११८० हिजरी --१७६७ ईस्वी | 
    लेखक एस एम मासूम
    www.hamarajaunpur.com

    Discover Jaunpur (English), Jaunpur Azadari
     Admin and Founder 
    S.M.Masoom
    Cont:9452060283
    • Blogger Comments
    • Facebook Comments

    0 comments:

    एक टिप्पणी भेजें

    हमारा जौनपुर में आपके सुझाव का स्वागत है | सुझाव दे के अपने वतन जौनपुर को विश्वपटल पे उसका सही स्थान दिलाने में हमारी मदद करें |
    संचालक
    एस एम् मासूम

    Item Reviewed: शाही किला जौनपुर के रहस्य भाग 1 Rating: 5 Reviewed By: S.M.Masoom
    Scroll to Top