बिजली दुर्व्यवस्था पे रोना क्यों ?
विद्युत दुर्व्यवस्था के चलते देश का कृषि ,उद्योग,व्यापार,सब चौपट हो कर रह गया है | आकंठ में डूबे विद्युत विभाग के फिलहाल सुधरने की कोई आशा नहीं है | लेकिन इस दुर्व्यवस्था की आधी ज़िम्मेदारी देशवासियों एवं आम जानता की भी है | आम जानता जहाँ चोरी से बिजली का इस्तेमाल करती है वहीँ ख़ास लोग अर्थात जनप्रतिनिधिगण,धनकुबेर माफिया ,एवं विद्युत विभाग के लोग खुले आम लाज संकोच त्याग कर निडरता से बिजली का बेहिसाब दुरूपयोग करते हैं |
प्रेस मशीन से लेकर टुल्लू ,एयर कंडिशन ,कारखाने , संस्थानों में ९० से १०० प्रतिशत चोरी की बिजली उपयोग में लाई जाती है | यहाँ तक की धार्मिक केंद्र , मंदिर मस्जिद ,गुरद्वारे ,गिरजाघर इत्यादि जगहों पे धर्म के नाम पर बिना टैक्स दिए धुवांधार चोरी से बिजली खर्च की जाती है | इस बड़े बड़े घडियालों तथा धार्मिक स्थलों पे कार्यवाही करने की हिम्मत भ्रष्ट सरकारी तंत्र में नहीं है | इसी से विद्युत विभाग निडर है और यही बिजली दुर्व्यवस्था का मुख्य और एक मात्र कारण है |
लेखक : Dr. Dileep Kumar Singh
Juri Judge, Member Lok Adalat,DLSA, Astrologist,Astronomist,Jurist,Vastu and Gem Kundli Expert.
Cell: 9198109856 /९४१५६२३५८३
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