बूढा पेड़ झर-झर झरता ये पेड़ (महुआ का ) कितना मन-मोहक था रस टपकता था मिठास ही मिठास गाँव भर में ‘भीड़’ जुटती इसके तले ‘बड...

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एडिटर तरुण मित्र अख़बार जौनपुर निवासी योगेन्द्र विश्वकर्मा से एक बात चीत |
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