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    रविवार, 2 अक्तूबर 2011

    ईमानदारी के ये दो रूपये

    मेरी एक अलग जाति है
    छुआ छूत है मुझसे
    अधिकतर लोग किनारा किये रहते हैं
    ३६ का आंकड़ा है मेरा उनका
    नाम के लिए मै
    एक पदाधिकारी हूँ एक कार्यालय का
    लेकिन चपरासी बाबू सब प्यारे है
    दिल के करीब हैं
    कंधे से कन्धा मिलाये
    ठठाते हैं हँसते बतियाते हैं
    पुडिया से दारु ..कबाब
    अँधेरी गली के सब राजदार हैं
    सुख में सब साथ साथ हैं
    सब प्रिय हैं साथी हैं
    जो भी मेरे विरोधी हैं
    उनके ...अरे समझे नहीं
    मेरे प्रबंधक के ....
    हमसाये हैं ..हमराही हैं
    मेरे मुह से निकली बातें
    चुभती हैं
    उनके कानों कान जा पहुँचती हैं
    चमचों की खनखनाहट
    जोर की है
    जहां मेरा रिजेक्शन का मुहर लगने वाला हो
    फाईल मेरे पास आने से पहले ही
    वहां तुरंत अप्रूवल हो जाता है
    और मै मुह देखता
    दो रोटी की आस में
    दो किताबों की चाह में
    जो मेरे प्यारे बच्चों तक जाती है
    जो दो रूपये कल उनका भविष्य....
    ईमानदारी के ये दो रूपये
    तनख्वाह के कुछ गिने चुने ....
    मुहर ठोंक देता हूँ
    कडवे घूँट पी कर
    उनकी शाख ऊपर तक है
    उनका बाप ही नहीं
    कई बाप ...ऊपर बैठे हैं जो
    मेरे पंख नोच ..जटायु बना देने के लिए
    मैंने रामायण पढ़ा हैं
    समझौता कर ...अब जी लेता हूं
    अधमरा होने से अच्छा
    कुछ दिन जी कर
    कुछ तीसरी दुनिया के लिए
    आँख बन जाना अच्छा है
    शायद कुछ रौशनी आये
    मेरी नजर उन्हें मिल जाए
    बस जी रहा हूँ ....
    अकेले पड़ा सोचता हूँ
    नींद हराम करता हूँ
    जोश भरता हूँ
    होश लाता हूँ
    चल पड़ता हूँ .....
    गाँधी जी का एक भजन गाते हुए
    जोदी तोर डाक सुने केऊ ना आसे
    तोबे एकला चोलो रे .....


    शुक्ल भ्रमर ५
    २.१०.२०११
    यच पी
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    3 comments:

    1. सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ शानदार रचना लिखा है आपने! लाजवाब प्रस्तुती!
      आपको एवं आपके परिवार को दशहरे की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें !

      जवाब देंहटाएं
    2. बबली जी हार्दिक अभिवादन -रचना शानदार लगी ..
      अमित जी को हम सब की तरफ से भी हार्दिक शुभ कामनाएं आज भी उनकी बातें उनका व्यक्तित्व मन मोह लेता है ....

      आपके जन्मदिन पर दुआ करती हूँ मैं ईश्वर से,
      आपकी ज़िन्दगी खुशियों से जगमगाती रहे,
      आपके जैसे अभिनेता की हर बात है निराली,
      जन्मदिन पर आपको ढेरों शुभकामनायें मेरी !

      भ्रमर ५

      जवाब देंहटाएं

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    Item Reviewed: ईमानदारी के ये दो रूपये Rating: 5 Reviewed By: SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR5
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