728x90 AdSpace

This Blog is protected by DMCA.com

DMCA.com for Blogger blogs Copyright: All rights reserved. No part of the hamarajaunpur.com may be reproduced or copied in any form or by any means [graphic, electronic or mechanical, including photocopying, recording, taping or information retrieval systems] or reproduced on any disc, tape, perforated media or other information storage device, etc., without the explicit written permission of the editor. Breach of the condition is liable for legal action. hamarajaunpur.com is a part of "Hamara Jaunpur Social welfare Foundation (Regd) Admin S.M.Masoom
  • Latest

    शनिवार, 15 जुलाई 2017

    सुनिये जौनपूर के युवाओं के बेबाक विचार | विषय सोशल मीडिया का इस्तेमाल |

    सुनिये जौनपूर के युवाओं के बेबाक विचार जौनपुर के बदलते समाज  और सोशल मीडिया का इस्तेमाल पे |


    जौनपुर ज्ञानियों  का प्रतिभाओं का शहर हमेशा से रहा है और आने वाले समय में रहेगा भी लेकिन लोग यहाँ से ज्ञान हासिल करते हैं और रोज़गार के चलते यहाँ से पलायन कर जाते है और बहुत बार तो पैसा अधिक हो जाने पे जौनपुर में सुख सुविधाओं की कमी के चलते वहीँ दूर देश में अपनी कर्म भूमि में अपना घर बसा लेते हैं |

    जौनपुर में रोज़गार का न मिल पाना एक ऐसा कारण है जिसके चलते वहाँ के बहुत से घर या तो बंद पड़े रहते हैं या कोई एक-दो लोग जो बूढ़े हो चुके हैं आपना जीवन व्यतीत कर रहे होते हैं | वरना कौन है जो अपने वतन से दूर जाना चाहता है और वो भी ऐसा वतन  जिसकी शान और शौकत दुनिया में मशहूर रही हो  |

     https://www.youtube.com/user/payameamnएक शानदार इतिहास के होते हुए भी न रोज़गार के अवसर,न खेती करने वाले किसानो को सुविधाएं और ना आम नागरिकों के किये सुख सुविधाएं ऐसे में जौनपुर की प्रतिभाएं बहार जाने पे मजबूर न हों तो क्या करें |

    बिजली है तो कब आती हैं और कब जाती है पता ही नहीं लगता अक्सर रातें अँधेरे में ही कटा करती हैं | इन्वर्टर वालों का धंधा ज़ोरों पे है लेकिन वो भी बेचारा कब तक चले ? बिजली यदि आ भी गए तो इतना पॉवर कम हुआ करता है की लोग अब स्टब्लाइज़र  का इस्तेमाल करने लगे हैं | पानी है तो बिना टुल्लू पंप के आता ही नहीं और आता है तो कभी खारा कभी प्रदूषित | नौजवान सरकारी नौकरियों के फार्म भर भर के इंतज़ार करते सड़कों पे दोहरा खा के थूकते और बड़ी बड़ी बातें करते मायूस टहला करते हैं | करें भी तो क्या करें ? फिर कोई सहारा मिल गया तो सौदिया, दुबई और मुंबई चले जाते हैं जो रह गए वो ट्यूशन पढ़ा के या मेहनत वाले काम करते हैं |  ऐसे में इन नौजवानों का मिज़ाज चिडचिडा हो जाता है और नतीजे में बोली असभ्य हो जाती है |इसलिए जब जब जौनपुर गया दुखी हो के आया |


    वहीं इस जौनपुर की शान तो देखिये शहर के बीच से गुज़रता शाही पुल आज भी उसपे चलने वालों को जौनपुर के शान और शौकत की कहानी सुनाता सा लगता है | वहाँ से गोमती का नज़ारा और मंदिर और मस्जिदों की आवाजें सुन के बड़ा सुकून सा मिलता है शायद इसी लिए लोग कहते हैं जौनपुर की हवा में अफीम मिला होता है जहां नींद बहुत आती है | वहीँ शाही पुल के पहले बनी गज सिंह की मूर्ति देखने पे इंसान किसी दुसरी दुनिया में पहुँच जाता है

    ज़रा सा आगे चलिए तो शाही किला और उसमे बने हमाम की शान शब्दों में बयां करना संभव नहीं |बड़ी मस्जिद और अटाला मस्जिद की शान तो बस देखते ही बनती है | जौनपुर के आस पास राजा जौनपुर का महल,पंजे शरीफ हजरत अली (अ.स) का रौज़ा ,इमाम पुर और हमजापुर का शानदार रौज़ा देखने पे किसी धन दौलत और मुहब्बत से भरे व्यापार का गढ़ रहे जौनपुर की याद दिलाता है| जौनपुर चित्रसारी के खंडहर और जफराबाद में राजा जयचंद के महलों के खंडहर घुमने पे कोई भी इंसान यह सोंचने में मजूर हो जाता है की जौनपुर में ऐसा क्या था की जो आया बस यही का हो के रह गया | ऐसे जौनपुर को देख के किसे के मुह से नहीं निकलेगा वाह जौनपुर |
     https://www.youtube.com/user/payameamn
    उधर पुराने जौनपुर में जाते ही आपको लखओरियों के बने घर और उनके खंडहर अपनी ही एक कहानी करते नज़र आयेंगे | शार्की समय की बनी हुयी बड़ी मस्जिद से होते हुए चार अंगुली मस्जिद और लाल दरवाज़ा मस्जिद अपनी ही एक वैभव भरी कहानियां करते नज़र आते  हैं और चित्रसारी  के खंडहर और बेगम गंज ,प्रेमराज पुर का इलाका लोधी परिवार द्वारा किस्ये गए ज़ुल्म का गवाह अपने समय के नायाब महलो के खंडहरों को संभाले हुए नज़र आता है |

    https://www.facebook.com/smmasoomjaunpur/
    लेखक एस एम् मासूम 
    कल का वो जौनपुर जो लाखों इंसानों की पसंद हुआ करता था लाखों को रोज़गार देता था आज का सोया सोया सा शहर लगता है जहां बेरोज़गारी एक नासूर बनती जा रही है | शायद इसी कारण से हमारे मित्र पवन मिश्र ने जौनपुर के नज़ारे देख के कहा होगा आह जौनपुर और क्यूँ न कहा जाय जो जौनपुर परशुराम की जन्मस्थली रहा हो, जहां श्री रामचंद्र जी के आगमन की कथाएँ दोहराई जाती रही हों वहाँ वो जमैथा केवल आज खरबूजे के नाम पे जाना जाया तो दुःख तो होना ही है |

    देखिये आज का जौनपुर का युवा जो अपने सुनहरे भविष्य की तलाश में कभी स्तानक की डिग्री लेता है तो कभी नेता बनने की कोशिश करता है तो कभी समाज सेवा और अंत में मायूस हो के या तो भटक जाता है या जौनपुर से पलायन कर जाता है लेकिन यह बात मैं गर्व से कहता हूँ कहीं भी रहे यह जौनपुर वाला अपने मन में जौनपुर के छूटने का दर्द हर समय मन में लिए रहता है और दिन गिनता है की कब जौनपुर जायगा और दुःख की बात यह है की जब जौनपुर आता है तो सुख  सुविधाओं के अभाव में भारी मन से ना चाहते हुए भी फिर से दूर चला जाने को मजबूर हो जाता है |

    हम सभी जौनपुर वासियों  को चाहिए की आओ मिल के जौनपुर की तरक्की के लिए काम करें और इसे एक ऐसा शहर बनाएं की अब किसी जौनपुरी को अपना वतन ना छोड़ना पड़े |


    एक बार अवश्य सुनें जौनपूर के युवाओं के बेबाक विचार |


    नोट : युवाओं के विचारों से हमारा जौनपुर टीम सहमत हो यह आवश्यक नहीं |
    • Blogger Comments
    • Facebook Comments

    3 comments:

    1. मै जौनपुर भैसनि गान्व का रहने वाला हुन मुज्हे ऐतिहासिक स्थल के बारे मे जानकारिया चाहिये था /

      जवाब देंहटाएं
    2. हमे गर्व होता है कि हम जोन्पुर के निवसि है आप सभि से मेरा अनुरोध है कि यदि आप जोन्पपुर के निवसि है तोाप जोउन्पुर को छोड कर मत जइये............

      जवाब देंहटाएं
    3. न जायें तो रोज़गार यहाँ कौन देगा ?

      जवाब देंहटाएं

    हमारा जौनपुर में आपके सुझाव का स्वागत है | सुझाव दे के अपने वतन जौनपुर को विश्वपटल पे उसका सही स्थान दिलाने में हमारी मदद करें |
    संचालक
    एस एम् मासूम

    Item Reviewed: सुनिये जौनपूर के युवाओं के बेबाक विचार | विषय सोशल मीडिया का इस्तेमाल | Rating: 5 Reviewed By: S.M.Masoom
    Scroll to Top