जौनपुर। जनपद के जलालपुर क्षेत्रान्तर्गत सेहमलपुर गांव की पगडण्डी से
निकलकर डा. ब्रजेश यदुवंशी ने सात समुन्दर पार जाकर मारीशस में
अपने जौनपुर का नाम रोशन किया। इस उपलब्धि के लिये वहां के राष्ट्रपति
राजकेश्वर प्रयाग ने डा. यदुवंशी को कर्मयोगी सम्मान से विभूषित किया। बता
दें कि यह सम्मान अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार के माध्यम से प्रतिवर्ष मारीशस
सरकार के कला एवं संस्कृति मंत्रालय द्वारा प्रदान किया जाता है।
डा.यदुवंशी भोजपुरी लोक गीतों में अलंकार विधान पर सारगर्भित व्याख्यान देकर
लगभग 25 देशों से आये 5 सौ से अधिक प्रतिनिधियों में अपनी जबर्दस्त उपलब्धि
दर्ज कराते हुये कर्मयोगी सम्मान के हकदार बने। इस मौके पर मारीशस सरकार
के कला एवं संस्कृति मंत्री मुखेश्वर चुनी ने कहा कि भारतीय अप्रवासियों के
मारीशस आगमन की 180वीं वर्षगांठ पर होने वाला यह अन्तर्राष्ट्रीय महोत्सव
अपना अलग पहचान रखता है। डा. यदुवंशी से हम लोग अपेक्षा करते हैं कि
भोजपुरी भाषा एवं संस्कृति के क्षेत्र में अपना योगदान देते रहेंगे जिससे
नयी पीढ़ी अपनी जमीन से जुड़ी रहे। कर्मयोगी सम्मान प्राप्त करने से अभिभूत
डा. यदुवंशी ने कहा कि हमारी भाषा, संस्कृति, कला और हमारे साहित्य का
प्रचार-प्रसार और विस्तार गोलार्द्ध के दोनों ही तरफ है। यह बड़े फक्र की
बात है कि भारतवंशी विश्व के जिस किसी भी हिस्से में क्यों न हों, अपनी
संस्कृति को शताब्दियों बाद भी अक्षुण बनाकर रखे हुये हैं। इस अवसर पर
दुनिया भर के कई देशों के प्रतिनिधियों के अलावा भारत सरकार की तरफ से
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, उप्र सरकार की तरफ से विधानसभा अध्यक्ष माता
प्रसाद पाण्डेय, कैबिनेट मंत्री अम्बिका चैधरी सहित अन्य हस्तियां मौजूद
रहीं।
मंगलवार, 11 नवंबर 2014
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