728x90 AdSpace

This Blog is protected by DMCA.com

DMCA.com for Blogger blogs Copyright: All rights reserved. No part of the hamarajaunpur.com may be reproduced or copied in any form or by any means [graphic, electronic or mechanical, including photocopying, recording, taping or information retrieval systems] or reproduced on any disc, tape, perforated media or other information storage device, etc., without the explicit written permission of the editor. Breach of the condition is liable for legal action. hamarajaunpur.com is a part of "Hamara Jaunpur Social welfare Foundation (Regd) Admin S.M.Masoom
  • Latest

    रविवार, 18 मई 2014

    करारी हार के बाद शुरू हुआ आरोप प्रत्यारोप और आत्ममंथन का दौर |

    लोकसभा चुनाव पे भाजपा ने सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए विजय हासिल की और कांग्रेस, सपा ,बसपा ,आम आदमी पार्टी इत्यादि को करारी हार का सामना करना पड़ा | यह ऐसी हार थी जिसकी आशा 16 तारिख की मतगणना के पहले किसी ने भी नहीं की थी |

    20 वर्ष बाद फिर वक्त लौट आया। पहले जिले की सियासत पिता उमानाथ सिंह के इर्द-गिर्द घूमती थी, अब यह पुत्र कृष्ण प्रताप सिंह 'केपी' पर केंद्रित होने की स्थिति में आ चुकी है। 13 सितंबर 1994 को उमानाथ सिंह की मृत्यु के बाद भाजपा का एक मजबूत किला धराशाई हो गया, फिर उसके बाद विभिन्न पदों पर यदा-कदा भाजपा अपना भगवा झंडा बरदारों के सहारे फहराती रही। चार बार बयालसी से विधायक और 1991 में उप्र सरकार में कारागार मंत्री उमानाथ सिंह के निधन के बाद इस तख्त से सियासत रुख्सत कर गई और भाजपाई राजनीति की मुख्य धारा में और कई नेता समय-समय पर आ गए। अचानक सक्रिय हुए केपी को भाजपा ने उनके पिता के योगदान व कुर्बानियों को देख गंभीरता से लिया और लोकसभा चुनाव के समर में हरी झंडी दे दी। जनता ने भी इस पर जोरदार मुहर लगा दी। अब जिले भर में इस बात की चर्चा है कि कभी मजबूत तख्त सूना हुआ था, अब उसी स्थान से सांसद चुने जाने पर जिले में भाजपा की राजनीति एक बार फिर यहां आकर केंद्रित हो गई।

    जौनपुर से कांग्रेस प्रत्याशी रविकिशन जी ने तो जौनपुर में इस बार बहुत मेहनत की और फिल्म जगत के कलाकारों का एक जमावड़ा भी जनता को लुभाने का लगा रखा था लेकिन कुछ काम ना आया और यहाँ तक की उनकी ज़मानत भी ज़प्त  हो गयी | फिल्म अभिनेता रविकिशन करारी हार का ठीकरा अपने संगठन के सर पर ही फोड़ा है और यहाँ तक कह डाला कि जौनपुर कांग्रेस संगठन नही चाहता था कि मै चुनाव जीतू । यह उनके अपने विचार है वरना इस बार जब कांग्रेस के बड़े बड़े दिग्गज नेता साफ़ हो गए तो रविकिशन की तो यह पहली ही पारी थी |


    मछलीशहर के सपा सांसद एवं प्रत्याशी तूफानी सरोज की करारी हार को लेकर नगर पंचायत जफराबाद में नये एवं पुराने सपाजनों में दिन भर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला जो चर्चा का विषय बना है। इसको लेकर पुराने कार्यकर्ताओं का कहना है कि चुनाव के समय पार्टी में यदि नये सपा कार्यकर्ता शामिल न होते तो शायद जफराबाद क्षेत्र से तूफानी सरोज का ज्यादा से ज्यादा वोट मिलता, क्योंकि नये कार्यकर्ताओं को यहां की जनता कम पसन्द करती है जिससे सपा का ज्यादा नुकसान हुआ। वहीं दूसरी ओर क्षेत्र की जनता ने कहा कि इस बार तो तूफानी सरोज को चुनाव हारना तय था, क्योंकि लगातार 3 बार सांसद रहने के बावजूद उन्होंने जफराबाद क्षेत्र के विकास के लिये आज तक कुछ नहीं किया।

    लोकसभा चुनाव की समीक्षा बैठक आम आदमी पार्टी के सदर प्रत्याशी डा. केपी यादव के मियांपुर स्थित आवास पर जिला संयोजक डा. अनुराग मिश्र की अध्यक्षता में हुई जहां लोगों ने विधानसभावार विचार व्यक्त किया। इस दौरान जौनपुर सदर क्षेत्र के सभी पांचों विधानसभा के कार्यकर्ताओं ने एक स्वर में कहा कि लोगों द्वारा हमारे प्रत्याशी को अच्छा कहा गया तथा लोगों ने स्नेह भी दिया तथा यही हमारी जीत भी है। बैठक में डा. यादव ने कहा कि जनादेश का सम्मान करता हूं। संघर्ष के समय लगे कार्यकर्ता एवं मतदाता के प्रति आभार प्रकट करते हुये उन्होंने कहा कि धन, धमकी, डर, लहर, सत्ता, शासन के दुरूपयोग से हमें पराजय का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बावजूद भी 44 हजार मत मेरे लिये इतने ही स्तम्भ हैं। उन्होंने कहा कि जिला संगठन के माध्यम से ग्राम व मोहल्ला संयोजक का गठन करके भ्रष्टाचार, वंशवाद एवं साम्प्रदायिकता के खिलाफ आंदोलन को धार देंगे।


    लोकसभा चुनाव में करारी शि‍कस्त झेलने के बाद अब समाजवादी पार्टी के सामने अब अपनी साख बचाने की चुनौती है। इसको लेकर पार्टी मुख्यालय में मंथन तेज हो गया है। चुनाव से पहले भारी-भरकम जीत का दावा करने वाले कई नेताओं और पार्टी के सलाहकारों पर भी गाज गिर सकती है। लोकसभा चुनाव में मिली हार को अखिलेश सरकार की नाकामी से जोड़कर देखा जा रहा है।

    उधर बसपा ने अपनी हार का ठीकरा मुसलिम वोटरों के सर पे फोड़ दिया क्यूंकि उनके अनुसार मुसलिम वोटरों ने उनका साथ इस बार नहीं दिया|

    अब हार की ज़िम्मेदारी अपने सर लेना इतना आसान भी नहीं होता लेकिन सत्य यह है की आज हर पार्टी को आत्ममंथन की आवश्यकता है |
    • Blogger Comments
    • Facebook Comments

    0 comments:

    एक टिप्पणी भेजें

    हमारा जौनपुर में आपके सुझाव का स्वागत है | सुझाव दे के अपने वतन जौनपुर को विश्वपटल पे उसका सही स्थान दिलाने में हमारी मदद करें |
    संचालक
    एस एम् मासूम

    Item Reviewed: करारी हार के बाद शुरू हुआ आरोप प्रत्यारोप और आत्ममंथन का दौर | Rating: 5 Reviewed By: S.M.Masoom
    Scroll to Top